advertisement
हाथरस में 20 साल की युवती के साथ हुई दरिंदगी के मामले में अब आखिरकार यूपी सरकार ने एक्शन लिया है. योगी सरकार ने हाथरस के एसपी और डीएसपी समेत केस से जुड़े कुछ अन्य अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले में ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. साथ ही ये भी बताया गया है कि एसपी और डीएसपी का इस मामले को लेकर नार्को पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया जाएगा. बताया जा रहा है कि एसआईटी की शुरुआती जांच के बाद ये कार्रवाई हुई है.
योगी सरकार की तरफ से जारी प्रेस नोट के मुताबिक आज एसआईटी ने अपनी पहली रिपोर्ट सरकार को पेश की है. जिसके बाद हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, सीओ राम शब्द और एसआई जगवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही बताया गया है कि एसपी शामली विनीत जायसवाल को एसपी हाथरस के पद पर तैनात कर दिया गया है.
पहले पीड़िता के साथ और उसके बाद परिवार के साथ पुलिस के व्यवहार के बाद यूपी सरकार की जमकर फजीहत हो रही थी. इस मामले पर तमाम बातें सामने आने के बाद सीएम योगी ने एक एसआईटी गठित की थी और कहा था कि 7 दिन के भीतर वो मुझे रिपोर्ट सौंपेगी. लेकिन एसआईटी के हाथरस पहुंचने के बाद मामला और ज्यादा बिगड़ गया. पहले नेताओं को हाथरस आने से रोका गया और उसके बाद मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए.
मीडिया कर्मियों से किसी तरह बचते बचाते मिलने पहुंचे पीड़िता के भाई ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बंद करके रखा है और सभी के मोबाइल छीन लिए हैं. बताया गया कि गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और उनके घर पर करीब 200 पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)