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सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने मंगलवार को विजय माल्या के केस को लेकर कहा कि वह भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या(Vijay Mallya) से जुड़े अदालती आदेश के उल्लंघन के मामले की सुनवाई 18 जनवरी, 2022 को करेगा, क्योंकि केंद्र सरकार भगोड़े व्यवसायी को भारत लाने के अपने प्रयासों पर कायम है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर माल्या किसी कारण कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो उनकी ओर से उनका वकील सबमिशन आगे बढ़ा सकते हैं.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले माल्या उस दिन किसी कारण से कोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं, तो कोर्ट उनकी ओर से वकील को सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट के ज्यादा इंतजार को देखते हुए न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हम अब और इंतजार नहीं कर सकते".पीठ ने कहा कि माल्या को 2017 में अवमानना का दोषी ठहराया गया था.
बेंच (जिसमें जस्टिस एसआर भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी शामिल हैं) ने कहा कि माल्या सबमिशन को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं, जैसा कि उचित समझा जाता है, और यदि किसी भी कारण से, वह अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनकी ओर से वकील सबमिशन को आगे बढ़ा सकते हैं.
पीठ ने कहा कि हम क्या करना चाहते हैं, हम जनवरी के दूसरे सप्ताह में इस मामले को निपटाने के लिए सूचीबद्ध करेंगे क्योंकि हमने काफी लंबा इंतजार किया है, हम अब और इंतजार नहीं कर सकते हैं.
विजय माल्या अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण मामले में आरोपी हैं. उन्हें 2017 में अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था
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