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हवाई यात्रा करने वालों के लिए सालों बाद एक साथ कई अच्छे खबरों का गिफ्ट सरकार की तरफ से आने वाला है. शनिवार को सरकार ने हवाई टिकट रद्द करने के चार्ज पर लगाम लगाने का सुझाव दिया है. इन सुझावों में अहम है, बोर्डिंग की इजाजत न मिलने पर ज्यादा मुआवजा मिलना और बैगेज चार्ज में कटौती.
ये रहे वो 8 सुझाव जो नागिरक उड्डयन मंत्री अशोक गणपति राजू ने प्रपोज किए हैं.
अभी क्या होता है?: ट्रैवल एजेंट से बुक किए गए टिकट का रिफंड एजेंट्स और यात्रियों का सिरदर्द होता था.
क्या है नया सुझाव: रिफंड की जिम्मेदारी एयरलाइन्स की होनी चाहिए. घरेलू यात्रा के केस में रिफंड 15 दिन में मिलना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के केस में रिफंड 30 दिन में ग्राहक तक पहुंच जाना चाहिए.
अभी क्या होता है?: एयरलाइन्स टिकट कैंसल होने पर सिर्फ PSF (पैसेंजर सर्विस फेयर) वापस करती थी.
क्या है नया सुझाव: एयरलाइन्स को सारे टैक्स और यूजर और एयरपोर्ट डेवेलपमेंट चार्ज भी वापस करने होंगे.
3. बेसिक फेयर से ज्यादा पेनल्टी नहीं हो सकती
अभी क्या होता है?: प्रमोशन तले बिके टिकट या नॉन रिफंडेबल बेसिक फेयर वाले टिकटों के रिफंड को लेकर कोई नियम नहीं.
क्या है नया सुझाव: यात्री के न आने पर या टिकट कैंसल कराने पर बेसिक फेयर से ज्यादा पेनल्टी नहीं लगाया जा सकता और सारे टैक्स और चार्ज रिफंड करना होगा.
अभी क्या होता है?: यात्रियों के न आने पर पेनल्टी लागने की इजाजत है.
क्या है नया सुझाव: अब इस प्रावधान को खत्म किया जाएगा. अगर यात्री यात्रा नहीं करते हैं तो टिकट रद्द कराने के नियमों के तहत ही उन्हें भी रिफंड मिलेगा.
अभी क्या होता है?: इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि यात्री अगर यात्रा नहीं करता या टिकट कैंसल कराता है तो कितनी पेनल्टी लगाई जाएगी.
क्या है नया सुझाव: टिकट कैंसल कराने का चार्ज बेसिक फेयर से ज्यादा नहीं होना चाहिए और किसी भी तरह का रिफंड चार्ज नहीं लगाया जा सकता.
अभी क्या होता है?: आपको अगर एक घंटे तक दूसरी फ्लाइट में सीट नहीं मिली तो 2000 रुपए या फिर टिकट की कीमत बतौर मुआवजा मिलता है. दो घंटे तक 3 हजार रुपए और 2 घंटे से ऊपर तक 4000 रुपए या टिकट की कीमत के बराबर का मुआवजा मिलता है.
क्या है नया सुझाव: अगर एक घंटे में फ्लाइट में सीट का इंतजाम हो गया तो कोई मुआवजा नहीं मिलेगा. अगर 24 घंटे में फ्लाइट में सीट मिलती है तो बेसिक फेयर का 200 प्रतिशत के साथ फ्यूअल चार्ज भी मिलेगा जो राशि अधिकतम 10 हजार तक हो सकती है. अगर 24 घंटे के बाद आपको फ्लाइट में सीट दी जाती है तो मुआवजे की अधिकतम राशि होगी 20 हजार रुपए. और अगर यात्री जाने से मना कर दे तो भी यही मुआवजा मिलेगा.
अभी क्या होता है?: अभी तक शारिरिक रुप से कमजोर लोगों के लिए कोई प्रावधान नहीं था.
क्या है नया सुझाव: एयरपोर्ट्स जहा एंबुलिफ्ट और एयरोब्रिज नहीं है वहां एयरपोर्ट ऑपरेटर को इनके देखभाल और ट्रांसफर का इंतजाम करना होगा.
अभी क्या होता है?: ज्यादातर निजी एयरलाइन्स वाले फिलहाल 15 किलो तक का बैगेज फ्री ले जाने देते हैं और उससे ज्यादा के बैगेज पर 300 रुपए प्रति किलो का चार्ज लगाते हैं.
क्या है नया सुझाव: एयरलाइन्स वालों से कहा जाएगा कि मुफ्त बैगेज की सीमा 15-30 किलो तक रखें और एक्सट्रा बैगेज पर 100 रुपए प्रति किलो की दर से चार्ज लगाएं.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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