Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Bathu ki Ladi: हिमाचल का ये मंदिर साल के आठ महीने पानी में डूबा रहता है-Photos

Bathu ki Ladi: हिमाचल का ये मंदिर साल के आठ महीने पानी में डूबा रहता है-Photos

Bathu ki Ladi: हिमाचल के बाथू की लड़ी मंदिर में स्वर्ग को जाने वाली 40 सीढ़ियां.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>मान्यता है कि इस मंदिर का&nbsp;निर्माण&nbsp;पांडवों ने श्रीकृष्ण की मदद से  करवाया था.</p></div>
i

मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने श्रीकृष्ण की मदद से करवाया था.

(फोटो: फेसबुक) 

advertisement

हिमाचल से जुड़े कई किस्से और रहस्य हैं जिन्हें सुलझाने वाला खुद उलझ जाता है. ऐसे ही रहस्यों से भरा एक मंदिर है बाथू की लड़ी (Bathu ki Ladi Temple). ये मंदिर हिमाचल के कांगड़ा जिला ज्वाली के पौंग डौम की बीच पर स्थित है. बाथू की लड़ी साल के आठ महीने पानी में डूबा रहता है. वहीं मान्यता है कि मंदिर में स्वर्ग को जाने वाली 40 सीढ़ियां मौजूद हैं. ज्यादातर लोगों कि ये मान्यता है कि मंदिर का निर्मान पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान करवाया था. मंदिर के आसपास बड़ा ही खूबसूरत दृश्य होता है. पानी से निकलते ही ये छोटे बड़े टापू की तरह नजर आते हैं. अप्रैल से जून तक दर्शन के लिए काफी लोग यहां आते हैं.

बाथू मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा अन्य आठ छोटे मंदिर भी हैं। इन मंदिरों को दूर से देखने पर प्रतीत होता होता है जैसे कि इन्हें एक माला में पिरोया गया हो

(फोटो: फेसबुक) 

इन मंदिरों में शेषनाग, विष्णु भगवान की मूर्तियां स्थापित हैं और बीच में एक मुख्य मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है. 

(फोटो: फेसबुक)

इसका कोई पक्का प्रमाण नहीं है कि जो मुख्य मंदिर है वो शिव का ही है या नहीं, क्योंकि कुछ लोग इसे भगवान विष्णू को समर्पित मावते हैं. वहीं बाकी मंदिरों को बनाने में प्रयोग की गई शिलाओं पर भगवान विष्णु, शेष नाग और देवियों की आकृतियां मिलती हैं

(फोटो: फेसबुक)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आठ महीने पानी में डूबे रहने के बाद मंदिर  अप्रैल से जून में पानी से बाहर आता है. इसी दौरान पर्यटक मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं.

(फोटो: फेसबुक)

हिमाचल का भगवान शिव का ये प्राचीन मंदिर साल के आठ महीने तक पानी में ही डूबा रहता है.

(फोटो: फेसबुक)

मंदिर का निर्माण जिन पत्थरों से कराया था उन्हें बाथू के पत्थर कहा जाता है, और स्थानीय बोली में यहां के लोग बाथू की लड़ी कहते हैं.

(फोटो: फेसबुक)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT