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हिमाचल की कांगड़ा चाय को मिला जीआई टैग, जानें-इसके क्या फायदे

हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा चाय को यूरोपियन यूनियन द्वारा जीआई टैग मिला है.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>कांगड़ा चाय गार्डन</p></div>
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कांगड़ा चाय गार्डन

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की कांगड़ा चाय (Kangra Tea) को यूरोपियन यूनियन द्वारा जीआई (GI) टैग मिला है. यह जानकारी ट्विटर पर यूरोपीय संघ द्वारा दी गई.

हिमाचल में चाय की खेती अच्छी होती जा रही है. 2005 में कागंड़ा चाय को भारतीय टैग मिल चुका है. जीआई टैग के बाद कांगड़ा चाय अब यूरोप के बाजार में प्रवेश कर सकेगी. और अंतराष्ट्रीय तौर पर इसे पहचाना जाएगा.

हिमाचल की कांगड़ा चाय को यूरोप संघ द्वारा जीआई टैग दिया गया.

(फोटो - wahtea / Instagram)

कांगड़ा में हरी चाय और काली चाय, दोनों की ही खेती होती है. यहां की काली चाय में स्वाद के बाद भी मीठापन रहता है.

(फोटो - thelodegeatwah / instagram)

कांगड़ा चाय की खेती हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में होती है, इसलिए इसे कांगड़ा चाय कहा जाता है.

(फोटो - wahtea / Instagram)

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पालमपुर कांगड़ा चाय की वृद्धि के लिए बोर्ड ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय के सहकारी व कृषि विभाग, सीएसआइआर-आइएचबीटी और चौधरी सरवण कुमार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. 

(फोटो- vasudha_thakur / Instagram)

पालमपुर हिमाचल प्रदेश का टी गार्डन 

(फोटो - indiapictures / Instagram)

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के टी गार्डन की सुंदरता देखने लायक है. 

(फोटो - one_life_to_travel / Instagram)

1999 के बाद से कांगड़ा टी गार्डन की खेती में बहुत वृद्धि हुई. 2005 में कांगड़ा चाय को भारतीय टैग भी मिल चुका है.

(फोटो - wahtea / Instagram)

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