आर्मी ऑफिसर मर्डर केस में हिजबुल मुजाहिदीन पर शक

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को ये भी कहा कि फयाज के शव पर प्रताड़ना का कोई निशान नहीं था

भाषा
भारत
Published:


शहीद उमर को पुष्पांजलि देते जवान. (फोटो: मुनीब उल इस्लाम)
i
शहीद उमर को पुष्पांजलि देते जवान. (फोटो: मुनीब उल इस्लाम)
null

advertisement

कश्मीर के युवा सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के मामले जम्मू कश्मीर पुलिस को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े आतंकवादियों पर शक है. पुलिस को आशंका है कि फयाज की हत्या में पुलिसकर्मियों से छीनी गई इंसास राइफल का इस्तेमाल किया गया होगा.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को ये भी कहा कि फयाज के शव पर प्रताड़ना का कोई निशान नहीं था. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.

कश्मीर के पुलिस आईजी एसजेएम गिलानी ने कहा-

हमने शुरुआती जांच की है. इस वारदात में शोपियां में सक्रिय हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक मॉड्यूल की ओर इशारा करता है.

पुलिस को उस जगह से एक इंसास राइफल और दो खाली कारतूस मिले हैं, जहां फयाज की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण कश्मीर में हाल ही में हथियार छीनने की दो घटनाएं हुई हैं. हमारे पास इस बारे में सुराग है कि कुलगाम में हथियार छीनने की घटना को लश्कर आतंकवादियों ने अंजाम दिया जबकि शोपियां अदालत परिसर में हथियार छीनने की घटना में हिजबुल आतंकवादी शामिल थे. इसलिए ये उन हथियारों में से एक हो सकता है.’’

गिलानी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन फयाज के शव पर प्रताड़ना का कोई निशान नहीं है. उन्होंने बताया कि शव परीक्षण करने वाले डॉक्टरों और पुलिस को प्रताड़ना का कोई निशान नहीं मिला.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बता दें कि फयाज कश्मीर के बाटापुरा में अपने मामा की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे जहां मंगलवार रात करीब 10 बजे आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. गोलियों से छलनी उनका शव बुधवार सुबह मिला. कुलगाम के रहने वाले फयाज पिछले साल दिसंबर में सेना में शामिल हुए थे. सेना ने इस बर्बरता भरी आतंकी हरकत को अंजाम देने वालों को सबक सिखाने का फैसला किया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT