Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकार : अमित शाह

नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकार : अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah प्रभावित राज्यों में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे

IANS
भारत
Published:
अमित शाह और नरेंद्र मोदी
i
अमित शाह और नरेंद्र मोदी
(फाइल फोटो: PTI)

advertisement

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित राज्यों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. शाह प्रभावित राज्यों में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.

उन्होंने बैठक में कहा, केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में काफी सफलता मिली है. वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 23 प्रतिशत, मौतों की संख्या में 21 प्रतिशत की कमी आई है.

"दशकों की लड़ाई में, हम उस बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां पहली बार मरने वालों की संख्या 200 से कम है. यह एक बड़ी उपलब्धि है हम सभी के लिए. हम सभी जानते हैं कि जब तक हम वामपंथी उग्रवाद की समस्या से पूरी तरह छुटकारा नहीं पाते हैं, तब तक देश और इससे प्रभावित राज्यों का पूर्ण विकास संभव नहीं है."

शाह ने कहा कि इसे खत्म किए बिना हम न तो लोकतंत्र को नीचे तक फैला पाएंगे और न ही अविकसित क्षेत्रों का विकास कर पाएंगे. इसलिए अब तक हमने जो हासिल किया है उससे संतुष्ट होने के बजाय, जो बचा है उसे पाने के लिए हमें गति बढ़ाने की जरूरत है.

जो हथियार छोड़ना चाहते हैं उनका स्वागत, जो निर्दोष लोगों को चोट पहुंचाते हैं उनको जवाब 

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, भारत सरकार कई वर्षो से राजनीतिक दलों पर ध्यान दिए बिना दो मोर्चो पर लड़ाई लड़ रही है. जो लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं, उनका दिल से स्वागत है, लेकिन जो हथियार उठाते हैं और निर्दोष लोगों को चोट पहुंचाते हैं, उन्हें भी वही जवाब दिया जाएगा.

उन्होंने उल्लेख किया कि असंतोष का मूल कारण यह है कि आजादी के बाद से पिछले छह दशकों में वहां विकास नहीं हुआ है और अब इससे निपटने के लिए तेजी से विकास की पहुंच सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है, ताकि आम और निर्दोष लोग इसमें शामिल न हों.

"प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास जारी है और अब माओवादी भी समझ गए हैं कि निर्दोष लोग उनके बहकावे में नहीं आएंगे, इसलिए अबाधित विकास जारी रखना बेहद जरूरी है. दोनों मोर्चो पर सफलता के लिए यह बहुत जरूरी है"

शाह ने कहा कि समस्या के खिलाफ लड़ाई, जिसने पिछले 40 वर्षों में 16,000 से अधिक नागरिकों की जान ली है, अब अपने अंत पर पहुंच गई है और इसे तेज और निर्णायक बनाने की जरूरत है. शाह ने आगे बताया कि हाल ही में, केंद्र कई चरमपंथी समूहों को आत्मसमर्पण करने और हथियार डालने में सफल रहा है, खासकर उत्तर पूर्व में.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

16,000 कैडर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं- शाह

गृहमंत्री शाह ने कहा, अब तक, लगभग 16,000 कैडर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं, जिनमें बोडोलैंड पैक्ट, ब्रू पैक्ट, कार्बी आंगलोंग पैक्ट और त्रिपुरा के विद्रोही कैडरों द्वारा आत्मसमर्पण शामिल है. हम उन सभी का स्वागत करते हैं, जो हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य प्रशासन को सक्रिय होना चाहिए और केंद्रीय बलों के साथ समन्वय में आगे बढ़ना चाहिए.

शाह ने राज्यों को आश्वासन दिया कि केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में राज्यों की मांगों को पूरा करने का प्रयास किया गया है.

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती पर राज्यों के निर्धारित खर्च को कम करने का अहम फैसला लिया है. इसके परिणामस्वरूप वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 में सीएपीएफ की तैनाती पर राज्यों के खर्च में लगभग 2,900 करोड़ रुपये की कमी आई है. प्रधानमंत्री ने लगातार इसकी समीक्षा की है और लगातार हम सभी का मार्गदर्शन कर रहे हैं.

"वामपंथी उग्रवादियों की आय के स्रोतों को बेअसर करना बहुत जरूरी है. केंद्र और राज्य सरकारों की एजेंसियों को मिलकर सिस्टम बनाकर इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए."
गृहमंत्री

उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से अगले एक साल तक वामपंथी उग्रवाद की समस्या को प्राथमिकता देने का आग्रह किया, ताकि इस संबंध में स्थायी समाधान निकाला जा सके. उन्होंने कहा, इसके लिए निर्माण दबाव, बढ़ती गति और बेहतर समन्वय की आवश्यकता है.

बैठक में बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और झारखंड के केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों और आंध्र प्रदेश के गृहमंत्री ने भाग लिया.

बैठक में छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी और केंद्र और राज्य सरकारों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT