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पश्चिम बंगाल में बीजेपी चीफ जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद से राज्य की राजनीति गरमा चुकी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और DGP को दिल्ली बुलाया था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने दोनों को भेजने से इनकार कर दिया है. अब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बंगाल में 'अप्रत्यक्ष रूप से इमरजेंसी लगाने की कोशिश' करने का आरोप लगाया है.
मंत्रालय ने 11 दिसंबर को एक खत लिखकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से तीन आईपीएस अफसरों को 'केंद्रीय डेपुटेशन' के लिए भेजने को कहा था. कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को एक खत लिखकर मंत्रालय के इस कदम का विरोध किया है.
जेपी नड्डा के काफिले पर 10 दिसंबर को हमला हुआ था. इस पर कल्याण बनर्जी ने कहा कि 'काफिले पर पत्थरबाजी के लिए नड्डा ही दोषी हैं.' बनर्जी ने कहा, "काफिले में 50 मोटरसाइकिल और 30 कारें बीजेपी के झंडों के साथ थीं."
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और DGP को राज्य की कानून-व्यवस्था पर बात करने के लिए 14 दिसंबर को दिल्ली बुलाया था. हालांकि, दोनों ही अफसरों ने इस मीटिंग में न जाने की सूचना मंत्रालय को दे दी है. इसकी वजह राज्य सरकार ने मंत्रालय को भेजे एक खत में बताई कि 'काफिले पर हमले की पहले से ही जांच चल रही है.'
राज्यपाल जगदीप धनखड़ लंबे समय से ममता बनर्जी की सरकार की आलोचना करते रहे हैं. धनखड़ का आरोप है कि TMC सरकार में 'कानून-व्यवस्था चरमरा गई है.' नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद राज्यपाल धनकड़ ने एक बार फिर राज्य सरकार पर हमला बोला.
धनखड़ ने राज्य सरकार पर सुरक्षा में बड़ी चूक का आरोप लगाया और कहा कि 'राजनीतिक पुलिस जेड-सुरक्षा प्राप्त जेपी नड्डा की सुरक्षा में नाकाम रही.'
पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं और इस पर धनकड़ का कहना है कि 'वो राज्य के लोगों को निष्पक्ष और हिंसा-मुक्त चुनाव का आश्वासन देते हैं.'
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