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ये हाल रहा तो भीड़ ही तय करेगी सारे फैसले: कन्हैया के वकील राजीव

17 फरवरी को किस तरह वकीलों ने कोर्ट रूम में कन्हैया के वकील राजीव वर्मा पर हमला किया, सुनिए उन्हीं की जुबानी

प्रशांत चाहल
भारत
Updated:


वकील राजीव वर्मा पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से रजिस्टर्ड हैं (फोटो: <a href="https://twitter.com/chahal_pahal">प्रशांत चाहल</a>)
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वकील राजीव वर्मा पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से रजिस्टर्ड हैं (फोटो: प्रशांत चाहल)
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हरियाणा के सोनीपत जिले से वास्ता रखने वाले वकील राजीव वर्मा के शरीर पर अब सूजन कम हो गई है. आंख में लगी चोट अब भी साफ दिखाई देती है, पर हालत में सुधार है.

लेकिन बतौर वकील राजीव के सीने में जो चोट लगी है, हो सकता है उसे ठीक होने में अभी लंबा अरसा लग जाए.

राजीव वर्मा, जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार के वकील हैं, जिनपर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में 17 फरवरी को विक्रम सिंह चौहान, यशपाल सिंह और उनके वकील साथियों ने हमला कर दिया था. उस हमले के बाद कड़कड़डूमा बार एसोसिएशन ने विक्रम सिंह चौहान और उनके साथियों को कथित देशद्रोही कन्हैया कुमार के वकील को पीटने के लिए सम्मानित किया.

कानून व्यवस्था को हाथ में लेकर पटियाला हाउस कोर्ट पर हमला करने वाले वकीलों को सम्मानित किए जाने से राजीव का मनोबल गिरा है.

वह कहते हैं कि असहमति की आवाज को अगर ऐसे ही दबाया गया, तो फिर आने वाले वक्त में फैसले भीड़ ही किया करेगी.

17 फरवरी के दिन को याद करते हुए राजीव वर्मा कहते हैं,‘हमें पता लग गया था कि कुछ लोग मुझपर और मेरे मुवक्किल कन्हैया पर हमला करने वाले हैं. इसकी सूचना हमने जिला मजिस्ट्रेट को भी दे दी थी. पर कोर्ट रूम में सुनवाई होते हुए हमारे ऊपर हमला हुआ. 15-20 लोग काली वर्दी में कोर्ट रूम में घुसे. कोर्ट रूम खाली करवाया और मुझे मारना शुरू कर दिया. वहां कुछ मीडियावाले भी मौजूद थे, जिन्होंने मेरी मदद की कोशिश की, लेकिन उनके साथ भी हाथापाई की गई. वो मुझे मार देना चाहते थे.’

यह बताते हुए राजीव का गला भर आता है. फिर थोड़ा रूककर वो कहते हैं,

लोगों को यह समझना चाहिए कि उस दिन कोर्ट में एक वकील, राजीव वर्मा को नहीं पीटा गया. एक वकील के ही कपड़े नहीं फाड़े गए. वो कपड़े उस संविधान और कानून व्यवस्था के भी थे, जो इस देश में सबसे कमजोर आदमी को भी अपनी बात रखने की अधिकार देती है. वो व्यवस्था, जो ‘भारत माता की जय’ कहकर प्रहार करने की अनुमति नहीं देती.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से रजिस्टर्ड राजीव वर्मा, 12 फरवरी को हुई कन्हैया की गिरफ्तारी के वक्त से ही उसके साथ हैं और आगे भी कन्हैया के केस में उसके साथ रहने की बात करते हैं.

23 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में ही कन्हैया की न्यायिक हिरासत को लेकर तीसरी सुनवाई होनी है. इससे पिछली दोनों पेशी वकीलों के दंगे के चलते स्थगित कर दी गईं. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि कन्हैया कुमार और उनके वकील की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की बात कही है, लेकिन राजीव इस बात को लेकर आशंकित हैं.

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Published: 22 Feb 2016,03:51 PM IST

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