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लेबनान की राजधानी बेरूत के पोर्ट पर 4 अगस्त 2020 को दो भयानक विस्फोट हुए. इनमें 130 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और हजारों घायल हो गए. इन धमाकों ने 10 किलोमीटर दूर तक की इमारतों को हिला दिया था. लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब के मुताबिक पोर्ट पर रखे 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हुआ. चेन्नई के एक वेयरहाउस में भी 740 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा है. अगर दुर्भाग्य से भारत के किसी बड़े शहर में ऐसा हादसा होता है, तो उससे कितनी बर्बादी होगी?
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में इस बात को समझाने के लिए भारत के चार बड़े शहरों का उदाहरण लिया गया है. रिपोर्ट में मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु के जनसंख्या घनत्व (पॉपुलेशन डेंसिटी) के हिसाब से संभावित नुकसान का आंकड़ा दिया गया है. इन चारों शहरों का जनसंख्या घनत्व बेरूत से ज्यादा है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में एक एक्सपर्ट के हवाले से बताया गया है कि मुंबई में जनसंख्या घनत्व 32,000 लोग प्रति स्क्वायर किमी है. किसी-किसी इलाके में ये 3 लाख लोग प्रति स्क्वायर किमी भी है.
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर बेरूत जैसा धमाका मुंबई में होता है, तो 36 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे और इन धमाकों की आवाज गुजरात के सूरत तक सुनाई देगी.
दिल्ली में जनसंख्या घनत्व 11,320 लोग प्रति स्क्वायर किमी है. अगर दिल्ली के इंडिया गेट पर बेरूत जैसा धमाका होता है, तो 12 लाख 80 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे.
बेंगलुरु को भारत का आईटी कैपिटल माना जाता है. शहर में जनसंख्या घनत्व 4,381 लोग प्रति स्क्वायर किमी है. बेरूत जैसे धमाके से बेंगलुरु में 4 लाख 95 हजार लोगों से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.
चेन्नई में जनसंख्या घनत्व 26,553 लोग प्रति स्क्वायर किमी है, जो कि दिल्ली और बेंगलुरु से ज्यादा है. बेरूत जैसा धमाका शहर में 30 लाख लोगों को प्रभावित कर सकता है. कस्टम अधिकारी कह चुके हैं कि चेन्नई के एक वेयरहाउस में भी 740 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा है.
बेरूत के बाद भारत में अब अमोनियम नाइट्रेट के स्टोरेज को लेकर चिंता बढ़ गई है. जहां पर भी भारत में इसे स्टोर किया जाता है वहां प्रशासन हरकत में आ गया है. भारत में मुख्य तौर पर तीन राज्यों में अमोनियम नाइट्रेट सबसे ज्यादा लाया जाता है. सबसे पहला विशाखापत्तनम, जहां के बंदरगाहों पर देशभर का सबसे ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट लाया जाता है. इसके बाद चेन्नई और केरल में भी कई हजार टन अमोनियम नाइट्रेट हर साल आता है.
भारत में अमोनियम नाइट्रेट काफी ज्यादा मात्रा में इंपोर्ट होता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2017 तक भारत 2,75,822 टन अमोनियम नाइट्रेट इंपोर्ट करता था. वहीं आज की तारीख में भी करीब इतनी ही मात्रा में इस केमिकल को इंपोर्ट किया जाता है. वहीं साल 2019 में इस पूरे इंपोर्ट में से 2,60,505 टन अकेले विशाखापत्तनम पोर्ट पर इंपोर्ट हुआ. यानी सबसे ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट विशाखापत्तनम पोर्ट पर ही आता है.
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