मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सरकार ने कृषि कानून वापस तो लिया, लेकिन इसके निरस्त होनी की प्रक्रिया क्या है?

सरकार ने कृषि कानून वापस तो लिया, लेकिन इसके निरस्त होनी की प्रक्रिया क्या है?

संविधान के अनुच्छेद 245 यही कानूनों को निरस्त करने की संसद की शक्ति का स्रोत है

वकाशा सचदेव
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>प्रतीकात्मक तस्वीर</p></div>
i

प्रतीकात्मक तस्वीर

Kamran Akhter/The Quint

advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 19 नवंबर को राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा, "शायद हमारी तपस्या में कुछ कमी थी, इसलिए हम कुछ किसानों को कानूनों के बारे में नहीं समझा सके. इसलिए हमने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है."

मोदी ने कहा है कि संसद के आगामी सत्र में तीन कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा. अब कानून को वापस करने का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन इसकी प्रक्रिया क्या है? आइए समझते हैं.

भारत के संविधान का अनुच्छेद 245 कानूनों को निरस्त करने की संसद की शक्ति का स्रोत है.

प्रधानमंत्री और सरकार की कार्यकारी शाखा इस तरह से कानून को निरस्त नहीं कर सकती. क्योंकि कोई भी कानून संसद द्वारा पारित होता है, न कि प्रधानमंत्री और कैबिनेट की मंजूरी के चलते यह अस्तित्व में आता है.

ऐसा करने के लिए एक रिपीलिंग एक्ट को लेकर आना होगा. सरकार कई बार कानूनों को निरस्त और संशोधित करती रही है.

मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से कई पुराने कानूनों को कानून की किताब से हटाने के लिए कई निरसन और संशोधन किए हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हाल के दिनों में आतंकवाद निरोधक (निरसन) अधिनियम 2004, को लाया गया था.

कृषि कानूनों से छुटकारा पाने के लिए मोदी सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में अलग-अलग रिपीलिंग एक्ट पेश कर सकती है. या फिर एक निरसन कानून के जरिए भी तीनों कानूनों को निरस्त किया जा सकता है.

इसे निरस्त करने के लिए कोई विशेष प्रक्रिया तो नहीं है. किसी भी नियमित कानून की तरह उन्हें संसद के दोनों सदनों से पारित कराना होता है और राष्ट्रपति की सहमति लेनी होती है. अन्य कानूनों की तरह उन्हें या तो राष्ट्रपति की सहमति मिलने के तुरंत बाद, या भविष्य की तारीख में लागू होने के लिए रखा जा सकता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 20 Nov 2021,10:04 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT