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JNU प्रोटेस्ट की वजह से 6 घंटे ऑडिटोरियम में फंसे रहे HRD मंत्री

एचआरडी मंत्री को अपने दो अन्य कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा.

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भारत
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’  एआईसीटीई ऑडिटोरियम में छह घंटे से ज्यादा समय तक फंसे रहे.
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ एआईसीटीई ऑडिटोरियम में छह घंटे से ज्यादा समय तक फंसे रहे.
(फोटो: altered by Quint Hindi)

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दिल्ली में जेएनयू छात्रों के भारी विरोध प्रदर्शन के चलते केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' सोमवार को एआईसीटीई ऑडिटोरियम में छह घंटे से ज्यादा समय तक फंसे रहे. एचआरडी मंत्री को जेएनयू कार्यक्रम के बाद दो और कार्यक्रमों में शिरकत करना था. लेकिन ऑडिटोरियम में फंसे रहने का नतीजा ये हुआ कि उन्हें अपने दोनों कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा.

नायडू निकल गए, 'निशंक' फंसे रह गए

'निशंक' उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के ऑडिटोरियम गए थे. हालांकि नायडू ने विरोध बढ़ने से पहले ही परिसर छोड़ दिया, लेकिन निशंक को अंदर ही रहना पड़ा. एचआरडी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वह अंदर है. लेकिन स्थिति को संभाल लिया गया है. मंत्री ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष से बात की है और भरोसा दिया है कि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा."

बाद में मंत्री ने शाम 4.15 बजे के आसपास एआईसीटीई के परिसर को छोड़ दिया और दीक्षांत समारोह के बाद शास्त्री भवन में होने वाले दो कार्यक्रमों को रद्द कर दिया.

बता दें कि हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी के विरोध में सैकड़ों छात्र एआईसीटीई मुख्यालय के बाहर इकठ्ठा हुए. छात्र ACITE परिसर की ओर मार्च करना चाहते थे जहां नायडू ऑडिटोरियम में यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

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छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प

JNU से लगभग 3 किमी दूर AICTE के गेट बंद थे और सुबह से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसर के बाहर और अंदर सुरक्षाकर्मी तैनात थे. JNU परिसर के उत्तर और पश्चिम गेट के बाहर बैरिकेड्स लगाए गए थे. एक अधिकारी ने बताया कि बाबा बालकनाथ मार्ग पर एआईसीटीई ऑडिटोरियम और जेएनयू के बीच रास्ते पर, ट्रैफिक सिग्नल के पास, फ्लाईओवर के नीचे और कार्यक्रम स्थल के पास बैरिकेड्स लगाए गए थे. लेकिन छात्रों ने इन बैरिकेड्स को तोड़ दिया और सुबह लगभग 11.30 बजे आयोजन स्थल की ओर बढ़ गए. पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. कई प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया गया.

क्या है छात्रों की मांग?

जेएनयू में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की कई मांगें हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तब तक दीक्षांत सामारोह नहीं हो सकता. छात्रों की प्रमुख मांगों में से एक फीस में बढ़ोतरी है. उनका कहना है कि फीस नहीं बढ़नी चाहिए. इसके अलावा सर्विस चार्ज, ड्रेस कोड, कर्फ्यू टाइमिंग और हॉस्टल संबंधी समस्याओं को लेकर छात्र प्रदर्शन करने उतरे. छात्रों का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन छात्रों के हितों के खिलाफ फैसले ले रहा है.

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Published: 11 Nov 2019,06:06 PM IST

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