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बिहार में बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ आज लाखों लोग एक दूसरे का हाथ थामेंगे. बिहार सरकार की पहल पर कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान के तहत मानव श्रृंखला बनाई जाएगी. इसमें चार करोड़ से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. सरकार का दावा है कि यह अनोखी मानव श्रृंखला 13,654 किलोमीटर लंबी होगी.
इस मानव श्रृंखला का मुख्य बिंदु पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान होगा, जहां से यह राज्य की सीमाओं तक अटूट रूप से जाएगी. इस मानव श्रृंखला की तस्वीर और वीडियोग्राफी 40 ड्रोन कैमरे करेंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दावा है कि यह मानव श्रृंखला विश्व रिकॉर्ड बनाएगी. नीतीश के इस अभियान को जहां सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत अन्य दलों का साथ मिला है वहीं विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस ने इस मानव श्रृंखला से खुद को किनारे कर लिया है.
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने शुक्रवार को बताया कि जिले की आबादी का प्रत्येक चौथा व्यक्ति इस मानव श्रृंखला में शामिल होगा. पटना में यह श्रृंखला 588 किलोमीटर लंबी होगी.
रविवार को दोपहर 12 बजे शुरू होने वाले इस आधे घंटे के शो को प्रशासन और सरकार 'सुपरहिट' बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. इस दौरान कई जगहों पर ट्रैफिक रोक दिया जाएगा या फिर रूट में बदलाव किया जा रहा है.
सरकार का दावा है कि यह मानव श्रृंखला सबसे बड़ी होगी और इसमें करोड़ों लोग अपनी भागीदारी करेंगे. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति और 'रूट लाइनिंग' करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस मानव श्रृंखला में सत्ताधारी जेडीयू और बीजेपी के लोग तो शामिल हो रहे हैं लेकिन आरजेडी और कांग्रेस ने इससे दूरी बना ली है, जिसे लेकर बिहार में इस ठंड के मौसम में भी राजनीति गर्म है.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे का कहना है कि इस मानव श्रृंखला का कोई मतलब नहीं हैं. इससे बिहार के लोगों को कोई लाभ नहीं है. यही श्रृंखला अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बनाई जाती तब आरजेडी जरूर शामिल होती.
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी कहते हैं कि यह मानव श्रृंखला औचित्यहीन है. यह मुख्य मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है.
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