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हैदराबाद के चर्चित रेप और मर्डर केस के सभी आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने भागने की कोशिश की. इस दौरान क्रॉस फायरिंग में सभी आरोपी मारे गए. वहीं दो पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है. लेकिन तेलंगाना में ये पहला ऐसा केस नहीं है. इससे पहले भी एक महिला के साथ अपराध करने वाले आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हुई थी. संयोग ये है कि उस दौरान साइबराबाद के मौजूदा पुलिस कमिश्नर ही शहर के एसपी हुआ करते थे.
हैदराबाद रेप और मर्डर केस के बाद लोगों में गुस्सा था और लोग आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग कर रहे थे. इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का भी ऐलान हो चुका था. लेकिन पुलिस जब आरोपियों को घटनास्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएट करने ले गई तो उसी दौरान सभी ने भागने की कोशिश की. पुलिस की फायरिंग में सभी आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गई. ऐसा पुलिस का दावा है.
ठीक ऐसा ही एनकाउंटर तेलंगाना में कई साल पहले भी हुआ था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना में यह ऐसा दूसरा केस है. साल 2008 में भी एक महिला के साथ अपराध करने वाले आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया था. दिसंबर 2008 में एक महिला पर एसिड अटैक हुआ था. जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
वेटरनरी डॉक्टर की झुलसी हुई बॉडी हैदराबाद-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पुलिया के पास 28 नवंबर को मिली थी, जो उस टोल प्लाजा से करीब 25 किलोमीटर दूर है, जहां वह आखिरी बार देखी गई थी. जब महिला डॉक्टर (27 नवंबर की शाम) शमशाबाद टोल गेट पर आई और उसने वहां अपनी स्कूटी खड़ी की, तभी नशा करने वाले चारों आरोपियों ने डॉक्टर को देखा. उन्होंने उसी वक्त डॉक्टर का रेप करने का फैसला किया. तभी उन्होंने महिला डॉक्टर की स्कूटी का टायर पंक्चर करने और फिर मदद का दिखावा करने की साजिश रची.
पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों- जोलू शिवा, जोलू नवीन, मोहम्मद आरिफ और चिंताकुंता चेन्नाकेशावुलु को गिरफ्तार किया था.
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