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दिल्ली के बहुचर्चित 16 दिसंबर निर्भया रेप केस के नाबालिग अपराधी की ओर से गृह मंत्रालय को लिखे गए पत्र से उसके बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां निकल कर सामने आई हैं.
गृह मंत्रालय को लिखी गई चिट्ठी में इस नाबालिग अपराधी ने (जो अब नाबालिग नहीं है) साफ कहा है कि वह सुधार गृह से निकलने के बाद किसी ‘आफ्टर केयर’ में नहीं रहना चाहता. उसकी रिहाई इसी महीने होनी है.
चिट्ठी के जरिये द क्विंट को जानकारी मिली है कि 9 साल की उम्र के बाद से ही कई सालों तक कई लोगों ने निर्भया केस के इस नाबालिग अपराधी का यौन शोषण किया.
इस जानकारी से उसके पिछले जीवन के बारे में काफी कुछ पता चलता है, पर इस समय जिसके बारे में सोच कर वह डर रहा है वह उसका आने वाला जीवन है.
चिट्ठी में वह आगे कहता है कि उसका परिवार बहुत गरीब है. पांच भाई-बहनों, मानसिक रूप से अक्षम पिता व उसकी मां की देखभाल की जिम्मेदारी उस पर ही है. वह जानता है कि नौकरी पाना उसके लिए आसान नहीं होगा, इसलिए वह अपनी पहचान तक बदलने के लिए तैयार है. यहां तक कि उसने सरकार से ही उसे नौकरी देने की गुजारिश की है.
इस बी़च निर्भया के माता-पिता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से उसकी पहचान जाहिर करने की गुजारिश की है, क्योंकि उनका मानना है कि वह उनके और समाज को नुकसान पहुंचा सकता है.
द क्विंट को मिली इस चिट्ठी में अपराधी ने साफ कहा है कि उसकी पहचान किसी भी स्थिति में जाहिर नहीं की जानी चाहिए.
वकील ने ये भी कहा कि उसकी रिहाई की तारीक पास आ रही है और वे सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. आगामी 16 दिसंबर को वह सुधार गृह में अपने तीन साल पूरे कर रहा है.
द क्विंट ने इस बारे में गृह मंत्रालय से संपर्क करने की कोशिश की पर उन्होंने इस बारे में अभी कुछ कहने से इन्कार कर दिया.
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