कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट थोड़ी देर में अपना फैसला सुनाने वाली है.
द क्विंट
भारत
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(फोटो: TheQuint)
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कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट थोड़ी ही देर में अपना फैसला सुनाने वाला है. तीन दिन पहले कोर्ट ने भारत और पाकिस्तान की दलीलों को सुना था.
भारतीय समय के अनुसार शाम करीब 3:30 बजे कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल निलंबित किया जाए.
भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले जाधव को फांसी दे सकता है.
पूर्व भारतीय नौसेनिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. इस मुद्दे को भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट में उठाया था. सोमवार को इस मामले में भारत-पाकिस्तान ने अपनी दलीलें पेश की थीं.
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भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पाकिस्तान की ओर से वकील खैबर कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपनी-अपनी दलीलें पेश की थी.
जाधव की फांसी के मामले में सोमवार को दोनों पक्षों में जोरदार बहस हुई थी. कोर्ट ने पक्ष रखने के लिए भारत-पाक को 90-90 मिनट का समय दिया था. पहले भारत ने अपना पक्ष रखा.
भारत-पाकिस्तान ने अपनी दलीलों में क्या कहा
भारत:
जाधव को पाकिस्तान ने 14 मार्च को गिरफ्तार किया था, भारत को जानकारी 25 मार्च को मिली
जाधव को ईरान से अगवा किया गया था
पाकिस्तान मिलिट्री अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई
जाधव को सजा कथित कबूलनामे के आधार पर दी गई
जाधव पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं
जाधव के माता-पिता ने पाकिस्तान जाने के लिए वीजा आवेदन किया, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई.
पाकिस्तान ने भारत को इस मामले की चार्जशीट नहीं दी
भारत ने 16 बार काउंसलर एक्सेस के लिए पाकिस्तान से गुहार लगाई.
भारत को काउंसलर एक्सेस नहीं मिली जो मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.
ये मानवाधिकार और वियना संधि का सरासर उल्लंघन है, काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए था.
पाकिस्तान:
फांसी के फैसले पर रोक लगाने वाली भारत की याचिका खारिज की जाए.
आईसीजे का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहा है भारत
कुलभूषण मामले में वियना संधि लागू नहीं होती है.
जाधव मामला काउंसलर एक्सेस के योग्य नहीं.
2008 की संधि से तय हुआ है काउंसलर एक्सेस, सुरक्षा के ऐसे मामलों में काउंसलर एक्सेस मुहैया नहीं कराई जा सकती है.
कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के बलूचिस्तान से गिरफ्तार हुआ था, वो ईरान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुआ.
कुलभूषण ने अपना जुर्म कबूल लिया है, वीडियो के जरिए कबूलनामे को देखा जा सकता है.
भारत ने कुलभूषण के बेगुनाही के सबूत नहीं दिए, जांच में सहयोग नहीं दिया.
पाकिस्तान की सुरक्षा का ये मामला आईसीजे के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता .
कोर्ट ने अटलांटिस विमान केस में अधिकार क्षेत्र ना होने की दलील मानी थी.
कुलभूषण जाधव को फांसी देने की जल्दी नहीं है, कुलभूषण को 150 दिन का समय दिया जाएगा.