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राजस्थान के कोटा में 3 दिनों में सुसाइड का तीसरा मामला सामने आया है. कोटा में मंगलवार को बिहार का एक छात्र अपने हॉस्टल के कमरे में सीलिंग फैन से लटका हुआ मिला.
बिहार के सीवान जिले का रहना वाला 17 वर्षीय छात्र जितेश गुप्ता आईआईटी-जेईई की तैयारी के लिए पिछले तीन साल से कोटा में था.
सब-इंस्पेक्टर रामस्वरूप ने बुधवार को बताया कि जितेश कोटा के महावीर-II इलाके में रहकर आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था.
इस बारे में पुलिस ने बताया:
मामले की सूचना मिलने के बाद महावीर नगर पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे, जहां से उन्होंने जितेश की बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने बताया कि उसे कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है. ऐसे में अभी तक सुसाइड की वजह का पता नहीं चल पाया है.
पुलिस ने बताया, ''जितेश ने आखिरी बार सोमवार को अपने परिवार से बात की थी. इस दौरान उसने भाई को बताया कि वह बीमारी से उबरने के बाद अपनी पढ़ाई में अच्छा नहीं कर पा रहा. उसके भाई ने कहा कि वह उससे मिलने के लिए जल्द ही कोटा आएगा. हालांकि जितेश ने उस रात ही अपने जान दे दी.''
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं.
इससे पहले शनिवार को आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा में रह रहे दीपक दधीच नाम के एक छात्र ने भी सुसाइड कर ली थी. 16 वर्षीय दीपक मूल रूप से राजस्थान के बूंदी जिले के लक्ष्मीपुरा गांव का निवासी था. उसने अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट के ऊपरी तल पर मौजूद एक कमरे में लटककर जान दे दी.
इसके अलावा कोटा में ही रविवार को दीक्षा सिंह नाम की छात्रा ने भी खुदकुशी की थी. 17 वर्षीय दीक्षा मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी कर रही थी. वह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से थी. उसे कोटा के आदर्श नगर इलाके में स्थित हॉस्टल के कमरे में लटका हुआ पाया गया.
भारत के अलग-अलग हिस्सों से हर साल हजारों स्टूडेंट इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा पहुंचते हैं. ये स्टूडेंट शहर के प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेकर पढ़ाई करते हैं. पिछले कुछ साल से इस शहर में स्टूडेंट की सुसाइड के कई मामले देखने को मिले हैं. ऐसे मामलों के लिए पढ़ाई की प्रतिस्पर्धा के बीच पैदा हुए भारी तनाव को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है.
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