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केरल के कोल्लम से आने वाली फातिमा लतीफ शनिवार सुबह आईआईटी-मद्रास में अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पायी गईं. फातिमा डेवेलपमेन्ट स्टडीज की फर्स्ट ईयर की छात्रा थीं. उनके शिक्षकों के अनुसार, फातिमा एक ब्रिलिएंट स्टूडेंट और क्लास टॉपर थीं.
हालांकि, पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया है, और कहा है कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. जबकि उसके पिता अब्दुल लतीफ ने सेलफोन में कथित रूप से लिखे एक नोट का जिक्र किया है, जिसमें एक प्रोफेसर के नाम का जिक्र है. लतीफ ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, "नोट में एक प्रोफेसर का नाम है और कहा गया है कि वह 'मेरी मौत का कारण है."
आईआईटी-मद्रास में ह्यूमनिटीज डिपार्टमेंट के प्रमुख उमाकांत दास ने कहा कि स्टूडेंट्स और प्रोफेसरों समेत पूरा डिपार्टमेंट इस संशय में है कि आखिर उनकी मौत कैसे और क्यों हुई.
फातिमा ने कभी भी ऐसा कुछ नहीं कहा या नहीं किया, जिससे उसके खुदकुशी करने की प्रवर्ति या उसके मनोवैज्ञानिक स्थिति का पता लगाया जा सके. लतीफ ने कहा, “फातिमा की मौत एक रहस्य जैसी है, उसने हमें इस प्रोफेसर के बारे में पहले भी बताया था, कि वह कुछ छात्रों को रुला देते हैं.
प्रोफेसर दास ने बताया, ‘हमारे पास यह भी जानकारी है कि वह हर रात लगभग 9 बजे मेस हॉल में नियमित रूप से बैठकर रोती थी. इसलिए ये हमारी मांग है कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच करे.’
उन्होंने बताया कि फातिमा ने पिछले आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम में राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा स्कोर हासिल किया था.
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