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कोरोना इलाज के लिए कितने मंत्रियों ने लिया आयुर्वेद का सहारा?- IMA

IMA ने मांग की कि स्वास्थ्य मंत्री को आना चाहिए और इन बातों पर सफाई देना चाहिए.

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डियन मेडिकल एसोशिएशन (IMA) ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी की
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डियन मेडिकल एसोशिएशन (IMA) ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी की
(Photo: PTI)

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इंडियन मेडिकल एसोशिएशन (IMA) ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी की, जिसमें देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr Harshvardhan) से पूछा गया है कि- 'कोविड केयर और नियंत्रण आयुष मंत्रालय को देने से उन्हें कौन रोक रहा है?' दसअसल ये बात डॉक्टरों के संगठन ने इसलिए कही क्यों कि मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री प्रोटोकॉल जारी किया था जिसमें बताया गया था कि बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को योग और आयुर्वेद का सहारा लेना चाहिए. अब विज्ञान को आधार बनाकर IMA मंत्री जी से सवाल कर रहा है.

सख्त लहजे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए IMA ने पांच सवालों के जवाब की मांग की है. ये सवाल डॉ. हर्षवर्धन द्वारा जारी किए गए एक डॉक्यूमेंट को लेकर किए गए हैं जिनमें बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों का आयुष और योग से उपचार करने के बारे में कहा गया है.

IMA ने तंज करते हुए मंत्री जी से पूछा है कि उनके सहयोगी मंत्री जो कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे उनमें से कितने लोगों ने तय किया था कि उनको आयुष और योग से ठीक होना है, जिस तरह से आपने डॉक्यूमेंट में बताया है.

प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि उनके प्रिस्क्रिप्शन को कई सारी नामी संस्थानों ने समर्थन दिया है. लेकिन उसमें ये भी लिखा हुआ है कि डॉ. हर्षवर्धन खुद मानते हैं कि उनका ये प्रिस्क्रिप्शन अनुभव पर आधारित है.

इसका मतलब ये है कि ये तथ्य बताई गई बात पर आधारित है और व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है.
IMA
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IMA ने कहा कि विज्ञान मांग करता है कि-

  1. दावे की कई बार पुष्टि होना चाहिए

  2. डबल ब्लाइंट कंट्रोल स्टडी होना चाहिए

पांच सवाल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को 'आधुनिक डॉक्टर' बताते हुए IMA ने 5 सवाल पूछे हैं.

  1. उपर जो पैमाने बताए गए हैं क्या कोरोना वायरस के मरीजों पर की गई स्टडी में दावों के पक्ष में संतोषजनक तथ्य मिले हैं (ये विज्ञान मांग करता है). अगर मिले भी हैं तो तथ्य हल्के, मीडियम, या फिर ठोस तथ्य मिले हैं? ये सारे तथ्य सार्वजनिक किए जाने चाहिए ताकि इनका वैज्ञानिक परीक्षण हो सके.

  2. इस प्रिस्क्रिप्शन का क्या स्टेटस है? क्या ये hyperimmune स्टेटस वाला है या फिर इम्यूनिटी डिफिशिएंसी स्टेटस वाला है?

  3. इस दावे के अलग-अलग पहलू पर क्या स्वास्थ्य मंत्री या मंत्रालय डबल ब्लाइंट कंट्रोल स्टडी कराएंगे. जिससे कि पता चल सके कि ये कोरोना का इलाज करने के लिए कारगर है या नहीं

  4. मंत्री जी के कितने सहयोगी मंत्रियों ने ये तय कि वो खुद की मर्जी से इन प्रोटोकॉल के तहत अपना इलाज कराया?

  5. कोविड केयर और नियंत्रण आयुष मंत्रालय को देने से उन्हें कौन रोक रहा है?'

IMA ने मांग की कि स्वास्थ्य मंत्री को आना चाहिए और इन बातों पर सफाई देना चाहिए.

दसअसल मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वायरस के क्लीनिकल मैनेजमेंट के संबंध में प्रोटोकॉल जारी किया था. इस प्रोटोकॉल के मुताबिक अगर कोरोना वायरस के हल्के लक्षण हैं या लक्षण नहीं हैं तो डाइट से संबंधित हिदायतें, योग और आयुर्वेदिक हर्ब का सेवन करने की सलाह दी गई थी.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में 9 अक्टूबर तक कोरोना वायरस के 8,93,592 एक्टिव केस हैं.

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