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मॉनसून कछुए की गति से आगे बढ़ रहा है. मौसम विभाग के डेटा के मुताबिक, इस साल मौसम विभाग के 84 फीसदी सबडिवीजंस में बेहद कम बारिश दर्ज की गई है.
वहीं, केंद्रीय जल आयोग से मिले आंकड़ों के अनुसार देश के 91 बड़े जलाशयों में से 80 फीसदी में पानी औसत से कम है. यहां तक कि 11 जलाशयों में पानी का भंडारण जीरो प्रतिशत है जो देश में पानी की भीषण कमी को दिखाता है.
देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मॉनसून में औसतन 39 फीसदी कमी दर्ज की गई है. देश में मौसम विभाग के 36 सबडिवीजंस में से 25 फीसदी ने ‘कम’ बारिश दर्ज की है जबकि छह सबडिवीजंस में ’‘बेहद कम बारिश’ दर्ज की गई है.
ओडिशा और लक्षद्वीप डिवीजन में ‘सामान्य’ बारिश दर्ज की गई है. जम्मू-कश्मीर और पूर्वी राजस्थान में ‘ज्यादा’ बारिश दर्ज की गई है जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ‘बहुत ज्यादा बारिश’ दर्ज की गई है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के चार डिवीजन हैं.... पूर्व और उत्तर पूर्व, दक्षिणी प्रायद्वीप, मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत.
भीषण जल संकट से जूझ रहे चेन्नई, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल सबडिवीजन में करीब 38 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई. हालांकि स्थिति में थोड़ा सुधार दिख रहा है. मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, मराठवाड़ा और विदर्भ के अधिकतर हिस्सों में मॉनसून आगे बढ़ा है.
(इनपुट: PTI)
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