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दिल्ली में बैन हो सकती है ऐप बेस्ड कैब में राइड शेयरिंग

दिल्ली सरकार का ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट तैयार कर रहा है नया ड्राफ्ट

द क्विंट
भारत
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ऐप आधारित कैब सर्विस प्रोवाइडर अपने ग्राहकों को राइड शेयर करने की सुविधा नहीं दे पाएंगे
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ऐप आधारित कैब सर्विस प्रोवाइडर अपने ग्राहकों को राइड शेयर करने की सुविधा नहीं दे पाएंगे
(फोटो: Reuters) 

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ऐप बेस्ड कैब कंपनियों को जल्द ही राजधानी दिल्ली में ग्राहकों के लिए शेयर राइड का ऑप्शन खत्म करना पड़ सकता है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने सिटी टैक्सी स्कीम 2017 का ड्राफ्ट तैयार किया है. इसके तहत ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस में शेयरिंग राइड को बैन किया जा सकता है.

अगर सरकार इस फैसले को लागू करती है तो इससे दिल्ली में शेयरिंग कैब की सुविधा देने वाली कैब कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘सैद्धांतिक रूप से हम राइड-शेयरिंग के पक्ष में हैं क्योंकि ऐसा करने से सफर किफायती होता है और सड़कों पर ट्रैफिक भी कम नजर आता है. वहीं, राइड शेयरिंग का विकल्प मौजूदा कानूनी प्रावधानों में फिट नहीं बैठता क्योंकि कैब के पिक और ड्रॉप की एक-एक लोकेशन ही होती हैं.’

सरकार आखिरी बार टैक्सी स्कीम 2015 में लाई थी और अब फिर से कुछ सुधार के बाद नई टैक्सी स्कीम पेश की जाएगी.

ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक अफसर के मुताबिक, 'डिपार्टमेंट ऐप-बेस्ड कैब सर्विसेज को रेग्युलराइज करने की योजना बना रहा है. हालांकि इस स्कीम के कई फीचर्स अबतक तय नहीं किए गए हैं. लेकिन कैब शेयरिंग का विकल्प तो निश्चित रूप से खत्म किया जाएगा क्योंकि कानूनी तौर पर वह मान्य नहीं है.'

दिल्ली में कैब्स कैरेज परमिट के आधार पर काम करती हैं. इसके तहत कैब पिकअप लोकेशन से यात्री को पिक करती हैं और ड्रॉप लोकेशन पर छोड़ती हैं. इसका मतलब यह हुआ कि रास्ते में किसी दूसरे यात्री का पिकअप नहीं किया जा सकता. स्टेज कैरेज परमिट वाले वाहनों को कई पिकअप पॉइंट्स से यात्री बैठाने की इजाजत होती है, इनमें बसें शामिल होती हैं.

हालांकि ड्राफ्ट स्कीम को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है, ट्रांसपॉर्ट विभाग पूरी संभावना जता रहा है कि राइड-शेयरिंग को खत्म कर दिया जाएगा.

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