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भारत में आज UNHCR के मुताबिक 5000 रोहिंग्या मुस्लिमों के परिवार रह रहे हैं. बौद्ध चरमपंथियों के उत्पीड़न से बचने के लिए ये सभी म्यामांर के रखाइन से आए हैं. इन दिनों इनका ठिकाना जम्मू शहर का बाहरी इलाका है.
लेकिन यहां भी इनकी परिस्थिति बहुत अच्छी नहीं है, इनके बच्चों को अपना बचपन तक नहीं मिल पा रहा है. रिफ्यूजी कैंपों में रह रहे इन बच्चों के पास न बेसिक सुविधाएं हैं और न ही रहने के लिए साफ सुथरी जगह.
यहां 12 साल की उम्र में लड़कियों की शादी हो जाती है और फिर उन्हें बर्थ कॉम्पलिकेशन्स का सामना करना पड़ता है.
बीजेपी की जम्मू इकाई ने अब इन रिफ्यूजियों को राज्य से बाहर निकालने की मांग की हैं. ऐसे में इनका भविष्य भी खतरे में है.
(साजाद रफीक श्रीनगर के एक फ्रीलांस फोटोग्राफर हैं)
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