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फेसबुक ने कहा है कि वो भारत में अगले साल लोकसभा चुनाव तक राजनीतिक विज्ञापनों में और ज्यादा पारदर्शिता लाएगा. इसे फेसबुक की ओर से बड़ी पहल करार दिया जा रहा है.
फेसबुक के प्रोडक्ट मैनेजर सारा क्लार्क शिफ ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि जो विज्ञापन आप स्क्रीन पर देख रहे हैं, उसके बारे में आप जानें, खासकर तब जब उस विज्ञापन का संबंध किसी राजनीतिक पार्टी या किसी चुनावी विज्ञापन हो.
क्लार्क शिफ ने कहा कि विज्ञापन की पारदर्शिता को देखते हुए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी बदलाव किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ''विज्ञापन की पारदर्शिता पर हम अमेरिका, ब्राजील और यूके में पहले ही बदलाव कर चुके हैं. अब भारत में राजनीतिक विज्ञापनों को लेकर यह कदम उठाने जा रहे हैं. इस बदलाव से हमें अगले साल भारत में होने वाले आम चुनाव में फेसबुक पर भद्दे कमेंट को रोकने में मदद मिलेगी.''
फेसबुक ने कहा है कि अब भारत में फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन देने से पहले व्यक्ति को अपनी पहचान और जगह के साथ-साथ विज्ञापन के बारे में डिटेल में जानकारी देनी होगी.
कंपनी का दावा है कि इसकी शुरुआत कर दी गई है. हालांकि व्यक्ति और जगह की पहचान करने में हफ्ते भर का समय लग सकता है. विज्ञापन में देरी से बचने के लिए विज्ञापनदाता अपने मोबाइल या कंप्यूटर से पहचान और लोकेशन के प्रूफ सबमिट करना शुरू कर सकते हैं.
कंपनी अगले साल की शुरुआत में हर तरह के राजनीतिक विज्ञापन को लेकर उसकी पूरी डिटेल्स के साथ एक लाइब्रेरी बनाएगी, जिससे लोगों को डिटेल सर्च करने में मदद मिलेगी. इस लाइब्रेरी में विज्ञापन दाता की फंड समेत विस्तृत जानकारी होगी.
फेसबुक ने कहा, ''हम एक पॉलिसी बनाएंगे, जहां सभी राजनीतिक विज्ञापन पर लिखा होगा कि यह एक राजनीतिक विज्ञापन है. यह नियम न्यूज पब्लिशर्स पर लागू नहीं होगा. इस नए नियम से चुनाव के दौरान विदेशी हस्तक्षेप को रोकने में भी मदद मिलेगी.''
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