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74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के नागरिकों को अपने भाषण के जरिए संदेश दिया है. राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कोरोना वायरस के संकट का जिक्र किया, साथ ही कोरोना वॉरियर्स के काम की सराहना की. राष्ट्रपति ने अपने भाषण में गलवान से लेकर राम मंदिर तक के मुद्दे का जिक्र किया.
राष्ट्रपति ने भाषण की शुरुआत देश-विदेश में रह रहे भारत के सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देते हुए की. साथ ही उन्होंने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को याद किया.
'राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि 'राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं. इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है.'
'आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया. पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है'
'भारत की आत्मनिर्भरता का अर्थ स्वयं सक्षम होना है, दुनिया से अलगाव या दूरी बनाना नहीं. इसका अर्थ यह भी है कि भारत वैश्विक बाजार व्यवस्था में शामिल भी रहेगा और अपनी विशेष पहचान भी कायम रखेगा.
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने संबोधन में आगे कहा, अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर, हमने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है. अन्य देशों के अनुरोध पर, दवाओं की आपूर्ति करके, हमने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत संकट की घड़ी में, विश्व समुदाय के साथ खड़ा रहता है.'
'इस वैश्विक महामारी से विज्ञान और टेक्नोलॉजी को तेजी से विकसित करने की आवश्यकता पर और अधिक ध्यान गया है. लॉकडाउन और उसके बाद क्रमशः अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान शासन, शिक्षा, व्यवसाय, कार्यालय के काम-काज और सामाजिक संपर्क के प्रभावी माध्यम के रूप में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है'
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा- 'केवल 10 दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है'
भाषण के आखिर में राष्ट्रपति ने फिर 74वें स्वाधीनता दिवस की बधाई दी और सभी के अच्छे स्वास्थ्य एवं सुन्दर भविष्य की कामना की.
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