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करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते पर हस्ताक्षकर कर लिए गए हैं. दोनों देशों के अधिकारियों ने जीरो प्वाइंट पर मिलकर इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. अब इस औपचारिकता के बाद 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर को खोल दिया जाएगा. खुद पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान इसका उद्धाटन करेंगे.
इससे पहले विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि 23 अक्टूबर यानी बुधवार को इस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होंगे. लेकिन कुछ मुद्दों पर रुकावट के चलते इसे एक दिन बाद यानी 24 अक्टूबर को किया गया.
बता दें कि पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए एक शर्त रखी है. जिसके तहत पाकिस्तान भारतीय तीर्थयात्रियों से कॉरिडोर के लिए फीस वसूल करेगा. पाकिस्तान ने प्रति यात्रा 20 डॉलर फीस लगाने की शर्त रखी है. इस पर विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि
कांग्रेस ने पाकिस्तान की फीस वसूलने वाली शर्त को 'जजिया' कर बताया है. कांग्रेस ने कहा, "अगर पाकिस्तान करतारपुर यात्रियों के लिए 20 डॉलर फीस पर जोर देता है और भारत एग्रीमेंट पर साइन करता है, तो एनडीए/बीजेपी सरकार को एमओयू में जजिया कर का भुगतान खुद करने का वचन देना चाहिए. करतारपुर साहिब जाने के लिए भुगतान करना खुले दर्शन और पवित्र अरदास के स्वभाव के खिलाफ है."
करतारपुर कॉरिडोर गुरुनानक देव की 550वीं जयंती पर खोला जाना है. आगामी 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं. इस कॉरिडोर का काम भारत के हिस्से में पंजाब के गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान के हिस्से में इस कॉरिडोर की प्रगति काफी धीमी है. अभी तक भारत की सीमा में रहकर तीर्थयात्री दूरबीन से गुरुद्वारे का दर्शन किया करते थे.
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