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हाल ही में दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन के दो अधिकारी जासूसी के आरोप में पकड़े गए थे. इसके बाद इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमीशन के दो अधिकारियों को पाकिस्तान में अगवा करने की खबर सामने आई थी. इन घटनाओं के बाद 23 जून को भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान हाईकमीशन के डिप्लोमेट को समन किया. भारत ने हाईकमीशन से अपना स्टाफ 50 फीसदी कम करने को कहा है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, डिप्लोमेट को याद दिलाया गया कि भारत ने कई बार हाई कमीशन के अधिकारियों की हरकतों पर चिंता जाहिर की है.
पाकिस्तानी डिप्लोमेट से मुलाकात के बाद MEA ने बयान जारी कर कहा, "पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी जासूसी गतिविधि और आतंकी संगठनों के साथ डीलिंग करते रहे. दो अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ा गया था और 31 मई को देश से निकल जाने को कहा गया था."
MEA ने कहा, “पाकिस्तानी अधिकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे, जो हाई कमीशन के विशेषाधिकारों के अनुसार नहीं थीं. पाकिस्तान साथ-साथ भारतीय हाईकमीशन के अधिकारियों को डराने का कैंपेन चलाता रहा. पाकिस्तान ने बंदूक की नोक पर दो भारतीय अधिकारियों को अगवा कर उनके साथ बहुत बुरा सलूक किया.”
भारत सरकार ने ये कदम पाकिस्तान में भारतीय हाई कमीशन के दो कर्मचारियों की 15 जून को गिरफ्तारी के बाद उठाया है. इन अधिकारियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था. ऐसी रिपोर्ट्स है कि इन अधिकारियों को कई चोटें आई हैं.
भारत सरकार ने पाकिस्तान के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसने डिप्लोमेटिक और कॉन्सुलर अधिकारियों के साथ बर्ताव में विएना कंवेंशन और बाइलेटरल एग्रीमेंट्स के मुताबिक काम नहीं किया.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "दूसरी तरफ पाकिस्तान क्रॉस-बॉर्डर हिंसा और आतंकवाद को समर्थन देने की पॉलिसी अपनाता रहा है."
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