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भारत अब मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (एमटीसीआर) में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल हो गया.
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने फ्रांस के राजदूत एलेग्जेंडर जीगलर, नीदरलैंड के राजदूत एल्फोनस स्टोलिंगा और लग्जमबर्ग के प्रभारी एफेयर्स लॉरे हुबर्टी की मौजूदगी में मेंबरशिप फॉर्म पर हस्ताक्षर किए. विदेश मंत्रालय के मुताबिक,
खास बात यह है कि चीन अभी भी एमटीसीआर का सदस्य बनने का इंतजार कर रहा है. अमेरिका के साथ परमाणु संधि के बाद से ही भारत एनएसजी, एमटीसीआर, द ऑस्ट्रेलिया ग्रुप और वासेनार अरेंजमेंट जैसे संगठनों की सदस्यता की कोशिश कर रहा है.
ये संगठन परमाणु, जैविक व रासायनिक हथियारों की तकनीकों को एक तरह से रेगुलेट करते हैं.
एमटीसीआर का उद्देश्य ड्रोन, रॉकेट तकनीकों और कम से कम 300 किलोमीटर तक 500 किलो वजन का लोड ले जा सकने वाली मिसाइल प्रणालियों के प्रसार को दुनिया में रोकना है.
एमटीसीआर की सदस्यता अब भारत को उच्चस्तरीय मिसाइल तकनीक खरीदने और रूस के साथ अपने मिसाइल प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने में मदद करेगी.
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