Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत-चीन के बीच पैंगोंग लेक इलाके से पीछे हटने की योजना पर सहमति

भारत-चीन के बीच पैंगोंग लेक इलाके से पीछे हटने की योजना पर सहमति

ये योजना दोनों देशों की आठवीं कॉर्प कमांडर स्तर की बातचीत में तय हुई है, जो कि 6 नवंबर को चुसुल में आयोजित हुई थी

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
प्रतीकात्मक तस्वीर
i
प्रतीकात्मक तस्वीर
(फोटो: Wikipedia/KennyOMG)

advertisement

भारत और चीन (China) के बीच लद्दाख इलाके में सीमा पर चल रही तनातनी के बीच एक राहत की खबर आई है. अब दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर तनाव घटाने के लिए डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया के लिए सहमत हो गईं हैं. इस सहमति के बाद अब दोनों देश की सेनाएं इस साल मार्च और अप्रैल के पहले की स्थिति में वापस लौटेंगीं. ये योजना दोनों देशों की आठवीं कॉर्प कमांडर स्तर की बातचीत में तय हुई है, जो कि 6 नवंबर को चुसुल में आयोजित हुई थी.

6 नवंबर को जो बातचीत हुई उसमें विदेश मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेट्री नवीन श्रीवास्तव, ब्रिगेडियर घई शामिल रहे. इस डिसएंगेजमेंट योजना के तहत ये प्रक्रिया तीन चरणों में होगी.

पहला चरण

पहले चरण में बातचीत के एक हफ्ते बाद तक पैंगोंग लेक इलाके से आर्मर्ड व्हीकल्स, टैंक और आर्मर्ड पर्सनल को एलएसी के काफी पीछे ले जाया जाएगा. ये बात सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताई है.

दूसरा चरण

दूसरे चरण के तहत पैंगोंग लेक के उत्तरी इलाके से दोनों देश को तीन दिन तक हर दिन 30% सेना को पीछे ले जाना होगा. भारतीय पक्ष को धनसिंह थापा पोस्ट के करीब आना होगा. वहीं चीनी पक्ष को अपनी पुरानी स्थिति फिंगर 8 के पूर्व तक जाना होगा.

तीसरा चरण

तीसरे चरण के तहत दोनों सेनाओं को पेंगोंग लेक के दक्षिणी इलाके से अपनी फ्रंटलाइन पोजीशन से पीछे हटना होगा, इसी क्षेत्र में चुसुल और रेजांगला इलाके आते हैं.

प्रक्रिया की देखरेख करने के लिए अलग तंत्र

दोनों पक्षों ने ये भी इस डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया को वेरिफाई करने के लिए भी एक मैकेनिज्म बनाया है, जिसके तहत डेलीगेशन मीटिंग और अनमेन्ड एरियर व्हीकल का सहारा लिया जाएगा.

भारतीय पक्ष इस मामले में बहुत ही सतर्कता से आगे बढ़ रहा है. क्यों कि इसी साल जून में सीमा पर हुई हिंसक झड़प में भारतीय पक्ष के 20 जवान शहीद हो गए थे, इसके अलावा कुछ चीनी पक्ष के भी सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थीं.

प्रधानमंत्री मोदी की विश्वस्त सुरक्षा टीम जिसमें नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ नरवने, एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया शामिल हैं, इन्होंने ऊंचाई पर मौजूद सीमावर्ती इलाकों में बढ़त बनाने में अच्छी भूमिका निभाई है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT