Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर स्थिति नाजुक और खतरनाक'- विदेश मंत्री एस जयशंकर

'भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर स्थिति नाजुक और खतरनाक'- विदेश मंत्री एस जयशंकर

India-China: चीन ने 2020 में समझौतों का उल्लंघन किया- S Jaishankar

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>विदेश मंत्री एस जयशंकर</p></div>
i

विदेश मंत्री एस जयशंकर

(फाइल फोटो: PTI)

advertisement

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने शनिवार, 18 मार्च को कहा कि लद्दाख के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भारत और चीन (India-China) के बीच स्थिति नाजुक और खतरनाक है, कुछ हिस्सों में सैन्य बल एक-दूसरे के बहुत करीब तैनात हैं.

2020 में जब इस क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष हुए था तब 20 भारतीय सैनिक देश के लिए शहीद हुए और 40 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए या घायल हुए थे. लेकिन कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के दौर के माध्यम से स्थिति को शांत कर दिया गया है. दिसंबर में दोनों देशों के बीच अचिह्नित सीमा के पूर्वी क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी थी लेकिन किसी की मौत नहीं हुई थी.

चीन ने 2020 में समझौतों का उल्लंघन किया - जयशंकर

जयशंकर ने यह भी कहा कि वह और तत्कालीन चीनी विदेश मंत्री वांग यी सितंबर 2020 में एक इन-प्रिंसिपल समझौते पर पहुंचे थे कि इस मुद्दे को कैसे हल किया जाए और यह अब चीन पर निर्भर करता है कि जिस पर सहमति हुई थी उसे पूरा किया जाए.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में एक सत्र में विदेश मंत्री ने यह साफ कर दिया कि जब तक "इन समस्याओं" का समाधान नहीं हो जाता, तब तक दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हो सकते है.

भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ पॉइंट्स पर लगभग तीन साल से टकराव की स्तिथि में हैं, यहां तक कि दोनों पक्षों ने व्यापक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है.

जयशंकर ने कहा, "यह चीन के साथ हमारे संबंधों में एक बहुत, मैं कहूंगा, चुनौतीपूर्ण और असामान्य चरण है. मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं क्योंकि 1988 से, जब राजीव गांधी वहां गए, 2020 तक, यह समझ यह थी कि सीमा पर शांति और शांति व्यवस्था बनाए रखी जाए.“

विदेश मंत्री ने बॉर्डर पर ज्यादा फोर्स को नहीं लाने के लिए दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों का भी उल्लेख किया और कहा कि विभिन्न स्थितियों से निपटने के लिए समझौते का एक "बहुत विशिष्ट" सेट और यहां तक कि प्रोटोकॉल भी बनाए गए थे.

जयशंकर ने कहा कि चीन ने 2020 में समझौतों का उल्लंघन किया, जिसके परिणाम गलवान घाटी और अन्य इलाकों में देखने को मिले.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

22 फरवरी को, भारत और चीन ने बीजिंग में व्यक्तिगत रूप से राजनयिक वार्ता की और पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) के साथ विवाद वाले पॉइंट्स पर "खुले और रचनात्मक तरीके" से पीछे हटने के प्रस्तावों पर चर्चा की.

यह बैठक भारत-चीन सीमा मामलों (WMCC) पर परामर्श और कोर्डिनेशन के लिए कार्य तंत्र के ढांचे के तहत हुई थी.

पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था.

जून 2020 में गालवान घाटी में भयंकर संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई, जिसके बाद दशकों में दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष देखा गया.

सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक सीरीज के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने 2021 में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे और गोगरा क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी की.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT