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पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने गुरुवार को एक बार फिर भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मुद्दे पर मोदी सरकार की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के विपरीत इसको नकारा नहीं जा सकता कि इस साल अप्रैल में चीन द्वारा लद्दाख की गलवान घाटी में यथास्थिति बदल दी गई है.
चिदंबरम ने एक के बाद एक ट्वीट में कहा, "चीन के विदेश मंत्रालय और पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) ने एक बार फिर से पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा जताया है और मांग की है कि भारत घाटी को खाली कर दे. असाधारण मांग."
उन्होंने सवाल उठाया, "क्या बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार एक बार फिर से भारत के दावे की पुष्टि करेगी और मांग करेगी कि यथास्थिति को बहाल किया जाना चाहिए?"
कांग्रेस नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री ने जो कहा उसके विपरीत, यह निर्विवाद है कि चीनी सैनिकों द्वारा अप्रैल-जून 2020 में यथास्थिति बदल दी गई थी. लोग देख रहे हैं कि क्या मोदी सरकार यथास्थिति बहाल करने में सफल होगी."
चिदंबरम ने पार्टी की बैठक के दौरान मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि "चीन ने भारतीय भूमि पर कब्जा नहीं किया है".
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी शनिवार को कहा कि मोदी का साफ कहना था कि भारत एलएसी पर किसी भी तरह के बदलाव के प्रयासों का दृढ़ता से जवाब देगा.
सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने जो बयान दिया था उसपर कांग्रेस नेता लगातार हमलावार हैं. राहुल गांधी, कपिल सिब्बल और शशि थरूर इस बयान पर आपत्ति जता चुके हैं. ये भी कहा गया कि पीएम के बयान से चीन को फायदा होगा और उसकी स्थिति मजबूत होगी.
(इनपुट: IANS से भी)
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