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केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 12 फरवरी को कहा कि भारत ने चीन को कोई इलाका नहीं सौंपा है. मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग लेक इलाके में चीन के साथ सेनाओं के डिसएंगेजमेंट को लेकर जो समझौता हुआ है, उसमें चीन को कोई इलाका नहीं दिया गया है.
मंत्रालय का ये बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आया है. गांधी ने आरोप लगाया कि 'पीएम मोदी ने चीन के सामने माथा टेक दिया है.' राहुल ने सरकार से पूछा कि 'हमने अपना इलाका चीनियों को क्यों सौंप दिया है.'
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "पूर्वी लद्दाख सेक्टर में देश के राष्ट्रीय हितों और क्षेत्र की सुरक्षा की गई है क्योंकि सरकार ने सुरक्षा बलों की क्षमताओं में पूरा विश्वास रखा है."
मंत्रालय ने अपने बयान में कुछ सफाई भी जारी की है. बयान में कहा गया, "ये कहना कि भारतीय क्षेत्र फिंगर 4 तक है, गलत दावा है. भारत का क्षेत्र वही है जो भारत के नक्शे में दिखता है और इसमें वो 43,000 sq km इलाका भी है जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है."
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "भारत ने समझौते की वजह से कोई क्षेत्र चीन को देना स्वीकार नहीं किया है. बल्कि इसके उलट भारत ने LAC का सम्मान सुनिश्चित करा है और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव रोका है."
मंत्रालय ने दावा किया कि पैंगोंग सो के उत्तरी तट पर दोनों तरफ स्थायी पोस्ट 'अच्छी तरह स्थापित हैं.' बयान में कहा गया, "भारतीय तरफ ये धान सिंह थापा पोस्ट फिंगर 3 पर है और चीन की तरफ ये फिंगर 8 के पूर्व में है."
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसद में बयान का जिक्र किया था. गांधी ने कहा, "कल रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में हालात पर एक बयान दिया. अब, हमें पता चलता है कि हमारे सैनिक फिंगर 3 पर तैनात रहेंगे. फिंगर 4 हमारा इलाका है. अब, हम फिंगर 4 से फिंगर 3 पर आ गए हैं. मिस्टर मोदी ने हमारा इलाका चीनियों को क्यों दे दिया है?”
राहुल ने कहा, "क्यों सेना को कैलाश रेंज से पीछे हटने को कहा गया? देपसांग प्लेन्स से चीन वापस क्यों नहीं गया? हमारी जमीन फिंगर-4 तक है. मोदी ने फिंगर-3 से फिंगर-4 की जमीन चीन को पकड़ा दी है.”
स्ट्रेटेजिक एक्सपर्ट ब्रह्म चेलानी ने केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के इस बयान को लेकर पूछा कि 'भारत कैलाश रेंज हाइट्स से पीछे क्यों हट रहा है, जिसे भारत LAC पर अपनी तरफ बताता है?'
चेलानी ने कहा कि 'ये कदम भारत का हाजी पीर से लौटने के फैसले जैसा है.' चेलानी ने कहा, "भारतीय नेता इतिहास से नहीं सीखते हैं और इसलिए इतिहास खुद को दोहराता है."
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