Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019खीरा-ककड़ी की खेती आपको बना सकती है लखपति, जानिए कैसे

खीरा-ककड़ी की खेती आपको बना सकती है लखपति, जानिए कैसे

भारत दुनियाभर की बढ़ती हुई जरूरत के हिसाब से खीरा-ककड़ी के निर्यातक के रूप में उभर कर रहा है

गांव कनेक्‍शन
भारत
Published:
भारतीय खीरा और ककड़ी की दुनिया भर में मांग है
i
भारतीय खीरा और ककड़ी की दुनिया भर में मांग है
(फोटो: गांव कनेक्शन)

advertisement

देश के लघु और सीमांत किसानों की मेहनत और बेहतर निर्यात नीति के कारण विश्व बाजार में खीरा और ककड़ी में निर्यात करने में देश अव्वल रहा है. देश ने साल 2016-2017 के दौरान पूरी दुनिया में 1,80,820.87 मीट्रिक टन खीरे और ककड़ी का निर्यात करके 942.72 करोड़ रुपए की कमाई की थी. बेल्जियम, रूस, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में भारतीय खीरा और ककड़ी की सबसे ज्यादा मांग है.

एक लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसान कर रहे खीरा-ककड़ी की खेती

देशभर में एक लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसान खीरा-ककड़ी उत्पादन के काम में लगे हुए हैं(फोटो: गांव कनेक्शन)

एपीडा के सलाहकार विनोद कुमार कौल बताते हैं, “भारत दुनिया भर की बढ़ती हुई आवश्कता के लिए बेहतरीन खीरा-ककड़ी की कृषि, प्रसंस्करण और निर्यातकों के स्रोत के रूप में उभर कर रहा है.''

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से गठित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानी एपीडा की रिपोर्ट के अनुसार देश में खीरा-ककड़ी की पैदावार लघु और सीमांत किसानों की देख-रेख में हो रही है. अभी देशभर में एक लाख से ज्यादा लघु और सीमांत किसान खीरा-ककड़ी उत्पादन के काम में लगे हुए हैं.

राजस्थान के खेमाराम खीरे और फूलों की खेती से हर साल करते हैं एक करोड़ की कमाई(फोटो: गांव कनेक्शन)

बनता जा रहा है सफल मॉडल

ककड़ी की खेती विशेष रूप से 'अनुबंध कृषि' के आधार पर की जा रही है. दुनिया के बाजारों के लिए बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाली ककड़ी का उत्पादन करने के लिए देश के किसानों को वैश्विक मानकों के अनुसार खेती करने के लिए कृषि विभाग की तरफ अनुबंध खेती के लिए सहायता दी जा रही है. खीरा और ककड़ी की खेती में यह एक सफल मॉडल बनता जा रहा है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एक बड़ा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग बना

भारत में आज ककड़ी का उद्योग पूरी तरह एक बड़ा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग बन चुका है(फोटो: गांव कनेक्शन)

भारत में ककड़ी की व्यावसायिक खेती, प्रसंस्करण और निर्यात की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी. दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में एक मामूली शुरुआत हुई और बाद में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्यों तक इसका विस्तार हुआ. शुरुआत में प्रसंस्कृत ककड़ी को थोक पैकिंग में निर्यात किया गया था और 2001 के बाद से इसे 'रेडी-टू-ईट जार' में निर्यात किया जा रहा है. भारत में आज ककड़ी का उद्योग पूरी तरह एक बड़ा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग बन चुका है.

ककड़ी शब्द का प्रयोग चटपटे अचारी खीरे के लिए किया जाता है. ककड़ी और व्यवसायिक खीरा एक ही प्रजाति (कुकुमीज सेटिवस) के हैं, लेकिन यह अलग-अलग कृषि समूहों के अंतर्गत आते हैं. इस फसल की कटाई तब होती है जब इनकी लम्बाई 4 से 8 से.मी (1 से 3 इंच) की होती है. किस महीने में किन सब्जियों की बुआई करनी है ये जानने के लिए यहां क्लिक करें

(ये स्टोरी गांव कनेक्शन वेबसाइट से ली गई है)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT