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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार, 6 मार्च को पश्चिम बंगाल (West Bengal) में देश के पहले अंडरवॉटर मेट्रो सेक्शन का उद्घाटन किया. कोलकाता में तैयार किया गया यह भारत में अंडरवॉटर ट्रेन चलने का पहला प्रोजेक्ट है. इस मेट्रो ट्रेन के लिए नदी के नीचे सुरंग बनाया गया है.
यह सुरंग कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का हिस्सा है, जो हुगली नदी के नीचे बनी है. इस मार्ग पर कुल 12 स्टेशन हैं. इस मेट्रो रूट के चार प्रमुख स्टेशन एस्प्लेनेड, महाकरण, हावड़ा और हावड़ा मैदान हैं.
इस मेट्रो टनल का काम 2017 में शुरू हुआ था. इसके साथ ही हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन बन गया है.
फरवरी 2020 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साल्ट लेक सेक्टर वी और साल्ट लेक स्टेडियम को जोड़ने वाले कोलकाता मेट्रो के पूर्व-पश्चिम मेट्रो कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन किया था. 16.5 किलोमीटर लंबी यह मेट्रो लाइन हुगली के पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा को पूर्वी तट पर साल्ट लेक शहर से जोड़ती है.
हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का रास्ता करीब 4.8 किलोमीटर लंबा है. इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है. अंडरग्राउंड पूरी टनल करीब 10.8 किलोमीटर लंबी है. पानी के नीचे 520 मीटर की दूरी तय करने में यात्रियों को 1 मिनट से भी कम (45 सेकंड) समय लगेगा.
अंडरवाटर ट्रेन सुरंग कोलकाता में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर तक फैली होगी. इसका निर्माण कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC) द्वारा किया जा रहा है.
पूर्व-पश्चिम खंड 16.6 किलोमीटर लंबा है. यह मेट्रो जमीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे चलेगी.
इस परियोजना की लागत लगभग 8,600 करोड़ रुपये है. India.com की रिपोर्ट के अनुसार, जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी ने परियोजना की लागत का 48.5 प्रतिशत निवेश किया है.
सुरंग को पानी के भीतर उपयोग के योग्य बनाने के लिए, इसके कंक्रीट को फ्लाई ऐश और माइक्रो-सिलिका के साथ डिजाइन किया गया है. जो इसे जलरोधी बना देता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि इसका उद्घाटन 6 मार्च को होगा. लेकिन आम यात्रियों के लिए इसे कुछ समय बाद खोला जाएगा.
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