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भारत ने गुरुवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है, हालांकि इसमें कुछ प्रगति हुई है. बता दें कि इस मामले पर चीन ने हाल ही में दावा किया था कि चीन और भारत के फ्रंटलाइन सैनिकों ने सीमा पर ज्यादातर जगहों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के मंगलवार को मंदारिन भाषा में दिए गए बयान का अंग्रेजी अनुवाद अपलोड किया था. इसमें कहा गया था, ‘‘चूंकि फ्रंटलाइन सैनिक ज्यादातर जगहों से पीछे हट गए हैं, इसलिए जमीनी स्तर पर तनाव कम हो रहा है.’’ वांग ने कहा था, ‘‘हमने कमांडर स्तर की चार दौर की बातचीत की और परामर्श और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की तीन बैठकें कीं.’’
इसके अलावा उन्होंने कहा था, ‘‘अब बाकी मुद्दों के समाधान के लिए कमांडर स्तर की पांचवें दौर की बातचीत के लिए दोनों पक्ष सक्रियता से तैयारी कर रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि भारत हमारे बीच बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिए चीन के साथ काम करेगा और सीमावर्ती इलाके में शांति और स्थिरता को बरकरार रखेगा.’’
इस बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘‘इन्होंने (दोनों पक्षों ने) इस बात पर सहमति जताई कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुरूप वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों का पूरी तरह से पीछे हटना, भारत चीन सीमा पर तनाव खत्म करना और शांति स्थापित करना द्विपक्षीय संबंधों का पूरा विकास सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है.’’
भारत और चीन के बीच हालिया वर्चुअल डिप्लोमैटिक मीटिंग ऐसे समय में हुई, जब इस तरह की खबरें आ रही थीं कि पीछे हटने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है.
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