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अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) 27 जुलाई को दो दिन के भारत दौरे पर आएंगे. अमेरिका ने बताया है कि ब्लिंकेन मानवाधिकार और लोकतंत्र का मुद्दा उठाएंगे. अब भारत ने कहा है कि 'मानवाधिकार और लोकतंत्र के मुद्दे यूनिवर्सल हैं और एक खास राष्ट्रीय या सांस्कृतिक परिपेक्ष्य के परे जाते हैं.'
भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि हमारा देश बहुलवादी समाज है और भारत 'विविधता का मूल्य समझने वालों के साथ बातचीत के लिए तैयार है.'
अपने भारत दौरे के दौरान एंटनी ब्लिंकेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल भी ब्लिंकेन से मिलेंगे.
भारत का खुद को विविध समाज और विविधता का मूल्य समझने वालों के साथ बातचीत करने की बात कहना बंटे हुए अमेरिकी समाज की तरफ इशारा लगता है.
इन दोनों मुद्दों पर भारत का बयान साउथ एंड सेंट्रल एशियाई अफेयर्स के एक्टिंग असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट डीन थॉम्पसन की टिप्पणी पर आया है.
थॉम्पसन ने 24 जुलाई को ब्लिंकेन के टूर का एजेंडा बताते हुए कहा था, "मानवाधिकार और लोकतंत्र का सवाल उठाया जाएगा और उस पर बातचीत जारी रहेगी."
भारतीय सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और पाकिस्तान पर आतंकी फंडिंग रोकने के लिए लगातार दबाव डालना एजेंडे का हिस्सा होगा.
सूत्रों का कहना है कि कोविड संक्रमण से निपटने और कोविड रिकवरी पर भी चर्चा होगी. एक सूत्र ने कहा, "भारत धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय यात्रा खोलने पर जोर देगा, जिसमें छात्रों, प्रोफेशनल्स, बिजनेस यात्री, मानवीय मुद्दों के लिए यात्रा प्रमुख रहेंगी."
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