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भारत ने पत्रकार राणा अयूब के न्यायिक उत्पीड़न के आरोपों को 'निराधार और अनुचित' बताया है. भारत की तरफ से ये प्रतिक्रिया UN के उस ट्वीट के बाद आई है, जिसमें UN के एक्सपर्ट्स ने राणा अयूब के खिलाफ ऑनलाइन महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों की जांच की मांग की थी.
जीनेवा में भारतीय मिशन ने UN के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
UN जीनेवा के अकाउंट से 21 फरवरी को हुए एक ट्वीट में कहा गया था, "UN एक्सपर्ट्स जोर देकर कहते हैं कि पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ लगातार ऑनलाइन महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों की भारतीय अधिकारियों द्वारा तुरंत और पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए, और उनके खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न को तुरंत खत्म किया जाना चाहिए."
वॉशिंगटन पोस्ट की कॉलमनिस्ट राणा अयूब पर ED मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है. ये मामला पत्रकार द्वारा अप्रैल 2020-जून 2021 के बीच शुरू किए गए तीन क्राउडफंडिंग कैंपेन से संबंधित है, जिसे वर्चुअल प्लेटफॉर्म केटो पर शुरू किया गया था. ED के मुताबिक, अयूब ने डोनेशन का गलत इस्तेमाल किया.
अयूब ने 11 फरवरी को पैसों की हेराफेरी के आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि "रिलीफ कैंपेन फंड का हिसाब है और व्यक्तिगत खर्चों के लिए पैसों के दुरुपयोग के किसी भी आरोप की कोई गुंजाइश नहीं है."
राणा अयूब को ट्विटर और इंस्टाग्राम पर रेप और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुंबई पुलिस ने 10 फरवरी को 24 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम सिद्धार्थ श्रीवास्तव है, जो कॉलेज ड्रॉपआउट है.
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