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अमेरिका (America) और कनाडा (Canada) में खालिस्तान समर्थकों की हत्या की साजिश के हालिया आरोपों पर भारत के विदेश मंत्री ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम दौरान बयान दिया है. उन्होंने इन घटनाओं का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि दोनों मुद्दे एक जैसे नहीं हैं. अमेरिकियों ने "हमें कुछ अलग बातें बताईं हैं." आरोपों के बीच अंतर बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, अन्य देशों द्वारा उठाए गए स्पेसिफिक मुद्दों पर गौर करने के लिए हमेशा तैयार है.
उन्होंने आगे कहा कि मुद्दा यह था कि अमेरिकियों ने कुछ मुद्दे उठाए और जरूरी नहीं कि दोनों मुद्दे एक जैसे हों. जब उन्होंने वह मुद्दा उठाया तो अमेरिकियों ने हमें कुछ खास बातें बताईं. अंतरराष्ट्रीय संबंधों में समय-समय पर क्या होता है, ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. इसलिए हमने बहुत ईमानदारी से कनाडा के लोगों से कहा है कि देखिए यह आप पर निर्भर है, मेरा मतलब आपकी पसंद है कि आप चाहते हैं कि हम इसे आगे बढ़ाएं.
अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने निखिल गुप्ता नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ अभियोग दायर किया है, जिसमें भारत सरकार के एक कर्मचारी पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादी को मारने के लिए हिटमैन को नियुक्त करने के लिए कहने का आरोप लगाया गया है. जवाब में, विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने एक सरकारी अधिकारी के कथित साजिश से जुड़े होने पर चिंता व्यक्त की, जिससे उसने खुद को सरकारी नीति के खिलाफ बताते हुए अलग कर लिया.
अमेरिका की सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों को निखिल गुप्ता के अभियोग के बारे में जानकारी दी थी.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक निखिल गुप्ता को अमेरिका की गुजारिश पर 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था.
कनाडा ने भारतीय एजेंटों पर जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया था, जिससे भारत और उत्तरी अमेरिकी देश के बीच राजनयिक संबंधों में अभूतपूर्व गिरावट आई थी. भारत ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि कनाडा ने सबूतों के साथ अपने आरोपों पर बात नहीं की है.
चीन पर एस जयशंकर ने कहा कि भारत, चीन के साथ बेहतर संबंध चाहता है. मैं जानता हूं कि कुछ पड़ोसी रिश्ते हैं जो एक समस्या हैं, लेकिन मैं आपको सुझाव दूंगा कि पाकिस्तान वाला रिश्ता वास्तव में एक अपवाद है...मैं कहूंगा कि आज हमारे हर पड़ोसी के पास वास्तव में बहुत अच्छे अनुभव हैं और बहुत कुछ है. भारत के बारे में कहने के लिए अच्छी बातें हैं.
विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन ने बॉर्डर पर समझौतों का पालन नहीं करने का फैसला किया है. लेकिन फिर कूटनीति, आपके पड़ोसी चाहे कितने ही कठिन क्यों न हों, वे कितने भी चुनौतीपूर्ण हों, आप कभी हार नहीं मानते.
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