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कोरोना वैक्सीन के मोर्चे पर भारत ने अभी तक किसी भी वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि नए साल के पहले-पहले भारत में पहली वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है. न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक तीन वैक्सीन कंपनियों फाइजर, ऑक्सफोर्ड की सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक ने भारत सरकार के पास इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी हेतु आवेदन किया है. बताया जा रहा है कि वैक्सीन को मंजूरी देने वाला एक्सपर्ट पैनल इस हफ्ते के आखिर तक सीरम इंस्टीट्यूट वाली वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे सकता है.
जानिए अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन अभी किस स्टेटस में हैं और इनको कब तक मंजूरी मिल सकती है.
भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन की रेस में फाइजर सबसे आगे रही है. फाइजर ने सबसे पहले 4 दिसंबर को भारत सरकार के पास वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन दिया था. बता दें कि फाइजर वैक्सीन को अमेरिका, यूके और कनाडा जैसे देश मंजूरी दे चुके हैं. लेकिन कुछ वैक्सीन एक्सपर्ट ने सवाल उठाया है कि विदेशी डेटा के आधार पर किसी कंपनी को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी देना ठीक नहीं है. इसलिए माना जा रहा है कि फाइजर को मंजूरी मिलने में थोड़ा वक्त लग सकता है. साथ ही ये भी जानना जरूरी है कि फाइजर वैक्सीन दूसरी वैक्सीन की तुलना में महंगी भी है और इसका रखरखाव भी दूसरी वैक्सीन के मुकाबले मुश्किल है.
भारत में दूसरे नंबर पर आवेदन सीरम इंस्टीट्यूट वाली ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ने किया था. कंपनी ने 6-7 दिसंबर को कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी थी. खबर है कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए भारत सरकार अगले हफ्ते तक मंजूरी दे सकती है. बेंगलुरु मिरर की खबर के मुताबिक ऑक्सफोर्ड के स्थानीय मैन्युफेक्चरर ने अतिरिक्त डेटा भी अधिकारियों को दे दिया है. भारत ऐसा पहला देश होगा जो ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को सबसे पहले अप्रूवल देगा. साथ ही ऑक्सफोर्ड भी पहली ऐसी वैक्सीन होगी जो भारत में सबसे पहले अप्रूवल पा सकती है.
हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है. 23 दिसंबर को भारत बायोटेक ने भी दूसरी बार अपनी वैक्सीन को लेकर सरकार के पास आवेदन कर दिया है कि उन्हें वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी जाए. इसके पहले कंपनी ने 7 दिसंबर को भी आवेदन दिया था, लेकिन तब तक सिर्फ फेज 1 और फेज 2 के क्लीनिकल ट्रायल्स का डेटा तैयार किया गया था. वैक्सीन को मंजूरी देने वाले पैनल ने तब कहा था कि कंपनी को फेज 3 के ह्यूमन ट्रायल का भी डेटा देना चाहिए.
जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन रेस में थोड़ी पीछे चल रही है. अभी कंपनी ने फेज1 और फेज 2 के क्लीनिकल ट्रायल कर लिए हैं. दूसरे चरण तक वैक्सीन को प्रभावी पाया गया है और इसके साइड इफ्केट नहीं देखे गए हैं. कंपनी ने 24 नवंबर को सरकार से तीसरे फेज के ट्रायल को शुरू करने के लिए अप्रूवल मांगा है.
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