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कुछ दिन पहले बीजेपी सांसद एम जे अकबर ने राज्यसभा में डॉ. बी आर अंबेडकर पर अपने विचार रखे थे. विंटर सेशन की शुरुआत में जो अकबर ने कहा, वह संसद के शीतकालीन सत्र में अब तक का सबसे सम्मोहक व्याख्यान रहा.
सुनिए क्या कहा था एम जे अकबर ने...
राज्यसभा में एमजे अकबर ने अपने भाषण की शुरुआत इतिहास बनाने वाले लोगों के जीवन में दर्द और उसके महत्व पर बात करते हुए की.
उन्होंने अंबेडकर के जीवन के उपाख्यानों का प्रयोग किया और बताया कि वह दर्द व्यक्तिगत परिवर्तन के लिए कैसे उत्प्रेरक हो सकता है.
अकबर ने अपने भाषण के बाकी हिस्सों को चार भागों में बांट रखा था. वह हिंदी और अंग्रेजी का एक मधुर संयोजन करते हुए बोलते दिखे. उन्होंने अपने भाषण में समकालीन सार्वजनिक बहस पर सबसे ज्यादा जोर दिया.
संविधान सभा पर भी अकबर ने अपने विचार रखे और कहा कि प्रगतिशील राष्ट्रीय विचारधारा के लिए अम्बेडकर ने हमेशा अपनी जिद कायम रखी और उद्देश्यों के लिए जवाहर लाल नेहरू के साथ अपनी असहमति के साथ बात करते रहे.
अकबर आगे बताते हैं कि भारतीय संविधान ऐतिहासिक क्यों है और ऐतिहासिक क्षणों में अपनी अवधारणा का महत्व क्यों रखता है. अकबर कहते हैं कि अगर इतिहास सही ढंग से लिखा गया होता, तो भारतीय संविधान अगले 500 साल के लिए मैग्ना कार्टा हो जाता.
अकबर ने धर्मनिरपेक्षता को अपने दूसरे विषय के तौर पर छुआ. वर्चस्व की बजाय समानता पर जोर देते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि देश समानता को अपनाने को तैयार है और यही राष्ट्र के आधुनिक होने की पहचान है.
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वॉल्टेयर, रूसो और मार्क्स ने धर्मनिरपेक्षता पर विभिन्न प्रकार के सिद्धांत दिए हों, लेकिन भारतीय धर्मनिरपेक्षता और समग्रता अपने आप में गजब है.
एक मजबूत बयान देते हुए अकबर ने देश में लैंगिक समानता की अहमियत को बताया. उन्होंने कहा लैंगिक समानता के बिना प्रगति मुश्किल है. जवाहर लाल नेहरू ने मुस्लिम महिलाओं के लिए समानता पर दिए इंटरव्यू में पत्रकार ताया जिनकिन को जवाब दिया था कि यह समय सही नहीं. लेकिन मैं आज आजादी के लगभग सात दशकों बाद पूछता हूं कि सही समय कब होगा?
आर्थिक समानता व्यवहारिक नहीं है, यह बात स्वीकार करते हुए अकबर ने कहा कि हमें आर्थिक इक्विटी के लिए एक राष्ट्र के रूप में प्रयास करना चाहिए.
आपका देश, आपके समुदाय से भी बड़ा है. इस बात को आप समझ नहीं सकते, तो मानकर चलिए कि आपकी स्वतंत्रता और आपका भविष्य संकट में है.
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