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संयुक्त राष्ट्र जैसी बड़ी संस्था में भारत की एक बड़ी जीत हुई है. संयुक्त राष्ट्र (UN) की एडवाइजरी कमेटी में भारतीय राजनयिक विदिशा मैत्रा को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है. ये कमेटी प्रशासनिक और बजट संबंधी प्रश्नों को देखती है. एशिया पैसिफिक ग्रुप में मैत्रा यूएन में भारतीय स्थायी मिशन की पहली सचिव हैं, उन्हें कुल 126 वोट मिले.
यूएन में 193 सदस्यों वाली जनरल असेंबली एडवाइजरी कमेटी के सदस्यों को चुनने का काम करती है. सभी सदस्यों को भौगोलिक प्रतिनिधित्व, निजी योग्यता और उनके अनुभवों के आधार पर चुना जाता है. एशिया पैसिफिक स्टेट्स से कुल दो सदस्यों को कमेटी में चुना गया, जिनमें से मैत्रा एक हैं. उनके अलावा ईराक के अली मोहम्मद फैक अल दबाग को इस एडवाइजरी कमेटी में चुना गया है.
जनरल असेंबली की पांचवी कमेटी, जो कि एडमिनिस्ट्रेशन और बजट संबंधी कामकाज को देखती है, उसने मैत्रा को 1 जनवरी 2021 से लेकर अगले तीन सालों के लिए सदस्य के तौर पर नियुक्त किया. भारत की यूएन में ये दूसरी बड़ी जीत है. इससे पहले भारत को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का अस्थायी सदस्य बनाया गया था. जो दो साल तक के लिए है.
यूएन में भारत के स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने एक वीडियो मैसेज में बताया कि यूएन के सदस्य देशों के भारी वोट से मैत्रा को संयुक्त राष्ट्र (UN) की सलाहकार समिति में चुना गया है. उन्होंने इसके लिए सभी देशों का भी धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने हमारी उम्मीदवार पर भरोसा जताया इसके लिए सभी सदस्य देशों का आभार व्यक्त करना चाहते हैं.
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