advertisement
इथोपिया में बंधक बनाए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेशियल सर्विसेज यानी IL&FS के भारतीय कर्मचारियों ने क्विंट हिंदी से Exclusive बातचीत की है. बंधक बनाए गए कर्मचारी ने वहां के मौजूदा हालात बयां किए हैं. कर्मचारी के मुताबिक, उन्हें पांच महीने से सैलरी नहीं मिली है. इसके अलावा वहां के स्थानीय कर्मचारियों ने उन्हें बंधक बना लिया है. बंधक बनाए गए भारतीय कर्मचारी ने बताया कि वह पिछले तीन दिनों से खाने-पीने के लिए भी परेशान हैं.
बता दें कि कर्ज से लदी IL&FS के सात भारतीय कर्मचारियों को इथोपियाई स्टाफ ने सैलरी न मिलने के कारण बंधक बना लिया है.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक वे इथोपियाई अधिकारियों से इस मामले में बातचीत कर रहे हैं. यह संकट सुलझाना उनके लिए प्राथमिकता में है.
बंधक बनाए गए IL&FS के एक कर्मचारी ने क्विंट हिंदी के संवाददाता के साथ हुई बातचीत में कहा-
पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि सात लोगों को बंधक बनाया गया है. कर्मचारी ने बताया कि उन लोगों ने इंडियन एंबेसी से भी संपर्क किया. लेकिन एंबेसी के लोगों का कहना है कि उन्होंने कंपनी के मैनेजमेंट से संपर्क किया है.
यह मुद्दा IL&FS ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क और स्पेनिश कंपनी एलसामेक्स के बीच वेंचर खत्म होने के बाद शुरू हुआ, जोकि रोड कंस्ट्रक्शन का काम कर रही थी. इसी के चलते अक्टूबर 2018 के बाद से स्थानीय श्रमिकों के वेतन को रोक दिया गया था.
इसके बाद स्थानीय कर्मचारियों ने सैलरी का भुगतान किए जाने की मांग को लेकर सात भारतीय कर्मचारियों को बंधक बना लिया. IL&FS कंपनी में बतौर सीनियर इंजीनियर काम करने वाले इमाम ने बताया कि बंधक बनाए गए भारतीय कर्मचारियों को बीते पांच महीने से सैलरी नहीं मिली है.
लेकिन इमाम और अन्य छह भारतीय कर्मचारियों को इस समय सैलरी से ज्यादा अपनी जान की फिक्र है. बंधक बनाए गए भारतीय कर्मचारियों को जान का खतरा बना हुआ है. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि कंपनी मैनेजमेंट उनकी बात सुनेगा.
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस मसले को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश हो रही है. हालांकि इस मामले में IL&FS के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
मीडिया रिपोर्टों के IL&FS के सात भारतीय कर्मचारियों को इथोपिया में लोकल स्टाफ ने बंधक बना लिया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग की रिपोर्टों के मुताबिक विदेश मंत्रालय बंधक बनाए गए कर्मचारियों के दावों की जांच कर रहा है. इन कर्मचारियों का दावा है कि कंपनी के 12.6 अरब डॉलर के लोन डिफॉल्ट के बाद स्थानीय कर्मचारियो को सैलरी नहीं मिली है, जिसके बाद उन्होंने इन्हें बंधक बना लिया गया. बंधक बनाए गए कर्मचारी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के हैं. कहा जा रहा है कि स्थानीय कर्मचारियों ने सातों भारतीय कर्मचारियों को तीन अलग-अलग जगह बंधक बना रखा है. दरअसल भारत में L&FS, के वित्तीय संकट में फंसने की वजह से कंपनी के विदेश में चल रहे कामकाज पर असर पड़ा है.
विदेशी शाखाओं में काम कम होने वजह से वित्तीय स्त्रोत सूख गए हैं. यही वजह है कि विदेश में स्थानीय कर्मचारियों को सैलरी देने में दिक्कत आ रही है. कहा जा रहा है कि इसी से नाराज होकर स्थानीय कंपनियों के कर्मचारियों ने IL&FS के कर्मचारियों को बंधक बनाया है.
ये भी पढ़ें : सरकारी कंपनियों में निवेशकों के 4 लाख करोड़ साफ
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)