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कैपिटल हिल और लाल किले की घटना पर अलग रवैया क्यों-Twitter से सरकार

ट्विटर के अधिकारियों से बातचीत में भारत सरकार ने कहा- देश के कानूनों का करें सम्मान

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ट्विटर के अधिकारियों से बातचीत में भारत सरकार ने कहा- देश के कानूनों का करें सम्मान
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ट्विटर के अधिकारियों से बातचीत में भारत सरकार ने कहा- देश के कानूनों का करें सम्मान
(फोटो: iStock)

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किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर और भारत सरकार के बीच बहस जारी है. भारत सरकार की तरफ से ट्विटर को कहा गया था कि वो किसान आंदोलन को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले हैंड्ल्स को ब्लॉक करे. लेकिन ट्विटर ने कुछ हैंडल्स पर एक्शन लेकर कहा कि ट्वीट होते रहने चाहिए. अब इस मामले को लेकर ट्विटर के अधिकारियों और लीगल टीम के साथ भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बैठक की है. जिसमें ट्विटर को कहा गया है कि उसे भारतीय कानून और लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करना चाहिए. साथ ही अमेरिका के कैपिटल हिल और भारत के लाल किले की घटना में अलग-अलग रवैये को लेकर भी नाराजगी जताई.

आलोचना और स्वतंत्रता भारतीय लोकतंत्र का हिस्सा

मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ट्विटर के आग्रह पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर के ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के वॉइस प्रेसिडेंट मोनिक मेक और डिप्टी जनरल कॉन्सल और वॉइस प्रेसिडेंट लीगल के साथ एक वर्चुअल बातचीत की. भारत सरकार ने ट्विटर से #FarmerGenocide से जुड़े हुए अकाउंट्स और खालिस्तानी समर्थकों के अकाउंट्स को हटाने के लिए कहा था. जिसे लेकर ये बात हुई.

इस बातचीत के दौरान मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर अधिकारियों को बताया कि भारत में स्वतंत्रता और आलोचना को महत्व दिया जाता है. क्योंकि ये हमारे लोकतंत्र का एक हिस्सा हैं. भारत में बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा का एक बेहत मजबूत तंत्र है, जिसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत मौलिक अधिकारों के रूप में समझाया गया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के भी कई फैसलों में इसे देखा जा सकता है.

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भारत के कानूनों का सम्मान करे ट्विटर

सरकार की तरफ से ट्विटर को कहा गया कि, भारत में बिजनेस करने के लिए ट्विटर का स्वागत करते हैं, बिजनेस के लिए बनाए गए अनुकूल माहौल, ओपन इंटरनेट और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए प्रतिबद्धता भारत में पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है. बयान में आगे कहा गया कि,

ट्विटर को भारत में बतौर बिजनेस कंपनी देश के कानूनों और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए. ट्विटर अपने खुद के नियम और गाइडलाइन बनाने के लिए स्वतंत्र है. जैसा कि हर दूसरी कंपनियां करती हैं, लेकिन इन गाइडलाइन के अलावा ट्विटर को भारतीय संसद के बनाए गए कानूनों का भी पालन करना चाहिए.

कैपिटल हिल हिंसा और लाल किले में फर्क क्यों?

भारत सरकार ने ट्विटर को याद दिलाया कि #FarmerGenocide हैशटैग का इस्तेमाल करने वाले लोगों के खिलाफ जब एक्शन के लिए कहा गया तो, ट्विटर ने इस पर एक्शन नहीं लिया. इसे लेकर सरकार ने नाराजगी जताई.

इसे लेकर कहा गया कि इस वक्त जब कोई भी बाहरी तत्व भड़काऊ चीजें पोस्ट कर गलत सूचनाएं फैलाने का काम करता है और #FarmerGenocide जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता है तो ये न तो पत्रकारिता की स्वतंत्रता है और न ही ये आर्टिकल 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत आता है.

इतना ही नहीं भारत सरकार के सचिव ने ट्विटर को अमेरिका के कैपिटल हिल हिंसा की भी याद दिलाई. ट्विटर को कहा गया कि जैसे कैपिटल हिल हिंसा के बाद ट्विटर ने एक्शन लिया था, वैसे लाल किले में जो कुछ हुआ उसके बाद नहीं लिया गया. साथ ही इस बातचीत में सरकार ने ट्विटर अधिकारियों को टूलकिट को लेकर भी जानकारी दी. जिसमें बताया गया कि कैसे विदेश में आंदोलन को लेकर एक मजबूत प्लानिंग की गई थी. इसीलिए ट्विटर को भारत के खिलाफ आयोजित ऐसे कैंपेन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

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Published: 10 Feb 2021,11:14 PM IST

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