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भारतीय नौसेना (Indian Navy) एक बार फिर अदन की खाड़ी में ड्रोन हमले की चपेट में आए एक मालवाहक जहाज को बचाने के लिए आगे आई, जिसमें नौ भारतीयों सहित 22 लोग सवार थे.
नौसेना को एक इमरजेंसी कॉल आई और इसके तुरंत बाद युद्धपोत (क्रूजर) आईएनएस विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) ने जहाज को रोका और सहायता प्रदान की.
भारतीय नौसेना ने बताया कि उसके गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापट्टनम मिशन को समुद्री डकैती विरोधी अभियानों के लिए अदन की खाड़ी में तैनात किया गया है. 17 जनवरी को 23:11 बजे ड्रोन हमले के बाद मार्शल द्वीप के ध्वजांकित एमवी जेनको पिकार्डी द्वारा संकटकालीन कॉल का तुरंत जवाब दिया गया और सहायता प्रदान करने के लिए 18 जनवरी को रात 12.30 बजे मर्चेंट जहाज (एमवी) को रोक दिया गया.
अधिकारियों ने कहा कि नौ भारतीयों सहित 22 चालक दल वाले एमवी जेनको पिकार्डी में कोई हताहत नहीं हुआ. जहाज एमवी जेनको पिकार्डी को रोकने के बाद आईएनएस विशाखापट्टनम के बम विशेषज्ञ क्षतिग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए जहाज पर चढ़े. विशेषज्ञों ने गहन निरीक्षण के बाद इस क्षेत्र को आगे जाने के लिए सुरक्षित बना दिया.
भारतीय नौसेना के मिशन तैनात प्लेटफार्मों ने 4 जनवरी को भी अरब सागर में एक समुद्री घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया दी, जिसमें लाइबेरिया ध्वज वाले बल्क वाहक पर अपहरण का प्रयास शामिल था.
अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय (MOD) ने कहा है कि जहाज ने यूकेएमटीओ पोर्टल पर एक संदेश भेजा था जिसमें शाम को लगभग पांच से छह अज्ञात सशस्त्र कर्मियों के सवार होने का संकेत दिया गया था. स्थिति पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय नौसेना ने एक समुद्री गश्ती विमान (MPA) लॉन्च किया और जहाज की सहायता के लिए समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए तैनात आईएनएस चेन्नई को डायवर्ट कर दिया.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि विमान ने 5 जनवरी की सुबह जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जहाज के साथ संपर्क स्थापित किया.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने अरब सागर में समुद्री निगरानी बढ़ा दी है. समुद्री डकैती और अपहरण की घटनाओं को देखते हुए भारतीय नौसेना ने यहां 10 युद्धपोत (क्रूजर) तैनात किए हैं. नौसेना ने पिछले कुछ दिनों के भीतर यहां युद्धपोतों की संख्या दोगुनी कर दी है. युद्धपोतों पर नौसेना के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं.
(इनपुट: IANS)
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