advertisement
द्रौपदी मुर्मू देश की पहली दलित महिला राष्ट्रपति बन गई हैं. देश के सर्वोच्च पद पर बैठने वाले राष्ट्रपति को क्या-क्या अधिकार मिले होते हैं और कितनी उनकी सैलरी होती है?
राष्ट्रपति का पद देश का सर्वोच्च पद कहा जाता है. 2017 में राष्ट्रपति की सैलरी डेढ़ लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई थी. साथ ही राष्ट्रपति की पत्नी को भी 30 हजार रुपये महीना मिलता है.
मुफ्त में इलाज, मुफ्त यात्रा शामिल है. राष्ट्रपति को रहने के लिए 5 एकड़ का राष्ट्रपति भवन मिला है, जो दुनिया के सबसे बड़े आवास में से एक माना जाता है. उनके साथ करीब 200 कर्मचारी काम करते हैं. राष्ट्रपति और उनकी पत्नी दुनिया के किसी भी देश में मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं.
साल में पार्लियामेंट के तीन सेशन होते हैं, प्रेसिडेंट सेशन को बुलाते और बंद करते हैं. राष्ट्पति लोकसभा को भंग भी कर सकते हैं, लेकिन ऐसा वो तभी कर सकते हैं, जब लगे कि रूलिंग पार्टी के पास बहुमत नहीं है. वो पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं और अगर पार्टी इसमें फेल हो जाती है तो वो लोकसभा को भंग कर सकते हैं.
कोई भी बिल संसद में पेश करने से पहले प्रेसिडेंट से सिफारिश की जाती है. इसके अलावा राष्ट्रपति को ऑर्डिनेंस लाने की पावर होती है. जब संसद का सेशन नहीं चल रहा होता है, तब प्रेसिडेंट अपनी पावर का इस्तेमाल कर कानून बना सकते हैं, लेकिन अगर वो कानून संसद में रद्द हो जाता है तो उसे हटा दिया जाता है. इसके अलावा जो भी बिल संसद में पेश होता है, वो कानून प्रेसिडेंट की मंजूरी के बाद ही बनता है. अगर राष्ट्रपति चाहें तो उसमें बदलाव भी कर सकते हैं.
प्रेसिडेंट सरकार के नॉमिनल हेड होते हैं. चुनाव के बाद राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को अप्वाइंट करते हैं इसके अलावा प्रेसिडेंट एजीआई को अप्वाइंट करते हैं. CAG को भी नियुक्त करने का अधिकार प्रेसिडेंट को ही है. CAG का काम आडिट करने होता है कि सरकार जो पैसा खर्च कर रही है, वो सही तरीके से है या नहीं. चीफ इलेक्शन कमिश्नर को भी अप्वाइंट करते हैं. प्रेसिडेंट हर स्टेट के राज्यपाल को और CJI को भी अप्वाइंट करते हैं.
अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति, अपराध के लिये दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति सजा को माफ, निलबिंत या कम करने के साथ ही खत्म कर सकते हैं. राष्ट्रपति को मृत्युदंड वाले अपराधी की सजा पर भी फैसला लेने का भी अधिकार होता है.
राष्ट्रपति देश की फोर्स के सुप्रीम कमांडर होते हैं. वो इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी और इंडियन एयफोर्स के चीफ की नियुक्ति करते हैं.
इमरजेंसी तीन तरह की होती है, नेशनल इमरजेंसी, प्रेसिडेंट रूल और फाइनेंशियल इमरजेंसी नेशनल इमरजेंसी उस केस में होता है, जब देश में युद्ध होता है या कोई दंगा होता है. देश में तीन बार इमरजेंसी लगाई गई है-1962, 71 और 1975.
प्रेसिडेंट रूल उस केस में लगता है जब किसी राज्य की पूरी मशिनरी फेल हो गई है. फाइनेंशियल इमरजेंसी तब लगाई जाती है, जब देश की आर्थिक हालत बेहद खराब हो जाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)