advertisement
रेलवे में सफर करनेवालों की सबसे बड़ी समस्या यही होती है कि उसे कंफर्म टिकट मिलेगा या नहीं. अमूमन रेलवे के आम पैसेंजर्स की यही धारणा रहती है कि केवल नेता, मंत्री या दूसरे वीवीआईपी लोगों के टिकट ही कोटे के तहत कंफर्म होते हैं. इसलिए वे कोटे का इस्तेमाल कर कंफर्म सीट पाने के बारे में सोचते ही नहीं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे 17 अलग-अलग तरीके के कोटे की सुविधा मुहैया करवाता है, जिनका सही तरीके से इस्तेमाल अगर आप करें तो आपके लिए कंफर्म टिकट पाने की गुंजाइश बढ़ सकती है.
त्योहारों के सीजन और गर्मियों की छुट्टियों के दौरान रेलवे की कंफर्म टिकट पाने के लिए काफी जद्दोजेहद होती है. ऐसे में कई बार लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाते, या फिर वे अपने मन-मुताबिक तारीख पर यात्रा करने से चूक जाते हैं. दो महीने पहले भी टिकट की बुकिंग करवाने वाले यात्रियों को भी वेटिंग लिस्ट में सफर करना पड़ता है. लेकिन रेलवे की तरफ से दिए जाने वाले 17 अलग-अलग तरीकों के कोटे की बदौलत आसानी से कंफर्म टिकट लिया जा सकता है, बशर्ते आप कोटा हासिल करने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करते हों.
रेलवे की ओर से दी जाने वाली विभिन्न श्रेणी के कोटे की विस्तृत जानकारी आप दो वेबसाइट्स से हासिल कर सकते है. ये वेबसाइट्स हैं- www.erail.in और www.indianrail.gov.in
इन दोनों में से किसी भी साइट पर जाकर आप ये जान सकते हैं किस ट्रेन में किस कोटे के तहत कितनी सीटें मिलती हैं. किसी ट्रेन में कोटे के तहत आने वाली सीटें ज्यादा हैं, तो ऐसी स्थिति में यात्री को कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाती है. अगर किसी ट्रेन में कोटे वाली सीटों की संख्या ज्यादा है और उसमें कोटे के हकदार लोग अगर उस ट्रेन में सफर नहीं कर रहे हैं, तो उनकी खाली सीटें आमलोगों को दे दी जाती है. इस तरह आरक्षित कोटे का फायदा आम लोगों को मिल जाता है.
तत्काल और प्रीमियम तत्काल कोटे के अलावा ट्रेनों में युवा कोटा भी होता है. इसके तहत 15 से 45 साल के बीच के बेरोजगार लोगों के लिए आरक्षित कोटे की सीटें रहती हैं. इसी तरह महिलाओं के लिए लेडीज कोटा भी होता है, जिसके तहत 45 साल से ज्यादा उम्र की महिला या गर्भवती महिला (उम्र की पाबंदी नहीं) को कोटे की आरक्षित सीट की सुविधा दी जाती है. खास बात ये है कि इसी कोटे के तहत 12 साल से कम उम्र के मेल चाइल्ड को भी आरक्षित सीट दी जाती है.
इसके अलावा बुजुर्गों के लिए सीनियर सिटीजन कोटा और विदेशी सैलानियों के लिए फॉरेन टूरिस्ट कोटा भी होता है. शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए दिव्यांगजन कोटा होता है. इसी तरह कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए कैंसर पेशेंट कोटा की सुविधा भी रेलवे देता है. साथ ही आपातकालीन स्थिति में यात्रा करने के लिए हाई ऑफिशियल रेक्वीजिशन कोटा के तहत सीट आरक्षित होती है. इसके अलावा पार्लियामेंट हाउस कोटा और डिफेंस कोटा की सुविधा भी रेलवे देता है.
एक और तरह का कोटा होता है, जिसे रोड साइड कोटा या रिमोट लोकेशन कोटा कहते हैं. इसमें दो बड़े स्टेशनों के बीच जो छोटे स्टेशन रिजर्वेशन करवाने के लिए कम्प्यूटराइज्ड नेटवर्क से नहीं जुड़े हों, वहां इस कोटे के तहत कंफर्म टिकट हासिल किया जा सकता है. ज्यादातर एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में इस कोटे के तहत अलग से सीटें सुरक्षित रखी जाती हैं.
ये भी पढ़ें - रेल यात्रा होगी आसान,RAC-WL टिकट आसानी से होगा कंफर्म, जानें कैसे
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)