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अमेरिका में कभी इतने भारतीय छात्र नहीं थे, सिर्फ चीन भारत से आगे 

चीन के बाद अमेरिका में भारतीय छात्रों की तादाद सबसे ज्यादा है

द क्विंट
भारत
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इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज की 2015 की ओपन डोर्स रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिका के कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में छात्रों की संख्या में पिछले पैंतीस सालों में इस साल सबसे ज्यादा इजाफा दर्ज किया गया है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 के शैक्षणिक सत्र में छात्रों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. इस दौरान कुल 9,74,926 छात्र अमेरिका के विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में पढ़ रहे थे.

भारतीय छात्रों की बात की जाए तो इनकी संख्या में इसी अवधि में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है और कुल 1,32,888 छात्र अमेरिका में अध्ययनरत थे. छात्रों की संख्या के लिहाज से भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है.

अमेरिका में देश के हिसाब से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या

ओपन डोर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 10 लाख अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं, जिनमें से 65% एशिया से (44% तो सिर्फ चीन और भारत से), 9.3% यूरोप से, 8.9% लैटिन अमेरिका से, 10.6% मिडिल ईस्ट एवं उत्तरी अफ्रीका से और सिर्फ 3.4% सब-सहारन अफ्रीका से हैं.

इन 10 देशों से आते हैं सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय छात्र

जैसी की उम्मीद थी, दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले दो देशों से ही अमेरिका के कुल अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के 44% छात्र आते हैं. अमेरिका में चीन के जहां 3,04,040 छात्र पढ़ाई करते हैं, वहीं भारतीय छात्रों की संख्या 1,32,888 है.

अमेरिका में दक्षिण कोरियाई छात्रों की संख्या 63,000 है और वे तीसरे नंबर पर हैं. चौथे नंबर पर सउदी अरब है जहां के लगभग 60,000 छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं. अमेरिका में छात्रों की संख्या के लिहाज से टॉप 10 देशों में 6 एशिया से हैं.

अमेरिका में भारतीय छात्र

1997-98 में अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या 33,818 थी, जो 2014-15 में चार गुना बढ़कर 1,32,888 हो गई. सिर्फ 18 साल की अवधि में ही भारतीय छात्रों की संख्या चार गुना बढ़ी है. अमेरिका में पढ़ने वाले कुल अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 13.6 प्रतिशत भारतीय छात्र हैं.

2005-06 और 2012-13 को छोड़ दिया जाए तो अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है. 2014-15 में 29.4 प्रतिशत की सबसे ऊंची वृद्धि दर दर्ज की गई. वहीं, भारत में पढ़ने वाले अमेरिका छात्रों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है. 1997-98 में भारत में 684 अमेरिकी छात्र पढ़ाई कर रहे थे, जो 2013-14 में बढ़कर 4,583 तक पहुंच गए.

अध्ययन का क्षेत्र

अमेरिका को इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की भूमि कहा जाता है, और आंकड़ों से यह बात सच भी साबित होती है. अमेरिका में पढ़नेवाले लगभग 70 प्रतिशत भारतीय छात्रों ने अपनी पढ़ाई का विषय इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस चुना है.

लगभग 8% छात्र फिजिकल और लाइफ साइंसेज की पढ़ाई कर रहे हैं. इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस को छोड़ दिया जाए, तो बाकी क्षेत्रों की पढ़ाई करनेवाले भारतीय छात्रों की संख्या वैश्विक औसत के आसपास या उससे नीचे है.

शैक्षिक स्तर और आर्थिक प्रभाव

लगभग 65% भारतीय छात्र अमेरिका में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं, 12.4% भारतीय छात्र अंडर ग्रैजुएट लेवल की पढ़ाई, जबकि 22.1 प्रतिशत ओपीटी (ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) कर रहे हैं. 1.4% भारतीय छात्र अन्य स्तरों में अध्ययनरत हैं.

ओपन डोर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 3.6 अरब डॉलर का योगदान देते हैं. सारे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की बात की जाए तो उनसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 30.5 अरब डॉलर मिलते हैं.

राज्यों का चुनाव


अमेरिका में भारतीय छात्रों की पहली पसंद टेक्सास है, जहां 17,763 छात्र पढ़ाई करते हैं. 15,053 छात्रों के साथ न्यूयॉर्क दूसरे नंबर पर आता है. कैलिफोर्निया, इलिनॉइस और मैसाचुसेट्स टॉप 5 में आने वाले अन्य राज्य हैं.

एक बात ध्यान देने वाली है कि टेक्सास सारे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की पसंदीदा जगह नहीं है. कुल अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो कैलिफोर्निया नंबर एक पर है जबकि न्यू यॉर्क का नंबर दूसरा है.

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए फंडिंग का प्राथमिक स्रोत

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Published: 19 Nov 2015,07:46 AM IST

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