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ब्रिटेन को पीछे छोड़ रक्षा बजट के मामले में टॉप-5 में पहुंचा भारत

भारत का रक्षा बजट बढ़ा, ब्रिटेन का घटा 

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रक्षा बजट के मामले में पहली बार टॉप-5 में पहुंचा भारत
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रक्षा बजट के मामले में पहली बार टॉप-5 में पहुंचा भारत
(फोटो: Indian Army)

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भारत का रक्षा बजट पहली बार दुनिया के शीर्ष पांच बजट में शामिल हो गया है. भारत ने ये उपलब्धि ब्रिटेन को पछाड़कर हासिल किया है. लंदन की प्रतिष्ठित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) रिपोर्ट में ये बात सामने आई है.

(इंफोग्राफः लिजू जोसेफ/क्विंट हिंदी)
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भारत का रक्षा बजट बढ़ा, ब्रिटेन का घटा

आईआईएसएस की मिलिट्री बैलेंस 2018 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत साल 2017 में 52.5 अरब डॉलर के खर्च के साथ रक्षा बजट के मामले में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवे स्थान पर पहुंच गया.

साल 2016 में भारत का रक्षा बजट 51.1 अरब डॉलर का था. वहीं इसके विपरित ब्रिटेन का रक्षा बजट 2016 के 52.5 अरब डॉलर से घटकर पिछले साल 50.7 अरब डॉलर रह गया.

आईआईएसएस के दक्षिण एशिया के सीनियर फैलो राहुल रॉय चौधरी ने कहा, ‘‘यह भारत और ब्रिटेन के बीच सैन्य संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव को दिखाता है. वैश्विक संदर्भ में भारत, ब्रिटेन की तुलना में अपने क्षेत्रीय संसाधनों को विकसित करने के लिए ज्यादा आवंटन कर रहा है.’’

सैन्य क्षमता को मॉडर्न बनाने पर भारत का जोर

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी सैन्य क्षमता का आधुनिकीकरण कर रहा है, जबकि अमेरिका के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बजट के साथ चीन भारत के रक्षा बजट से तीन गुणा 150.5 अरब डॉलर का खर्च कर रहा है.

चीन का वास्तविक रक्षा बजट 2016-17 में तकरीबन 25 प्रतिशत बढ़ा जबकि भारत का यह महज 2.4 प्रतिशत बढ़ा.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘डोकलाम के बाद चीन के साथ भारतीय सैन्य संतुलन महत्वपूर्ण रूप से चीनी पक्ष में है. वर्ष 2000 के बाद चीन ने जापान, दक्षिण कोरिया और भारत को मिलाकर ज्यादा पनडुब्बी, विध्वंसक पोतों, लड़ाकू विमानों का निर्माण किया. क्षेत्रीय सैन्य दृष्टि से चीन का दबदबा बना रहेगा और क्षेत्र में अमेरिका को भी चुनौती देगा.’’

पाकिस्तान टॉप-15 में भी नहीं

पड़ोसी देश पाकिस्तान का नाम टॉप 15 सैन्य खर्च वाले देशों में शामिल नहीं हैं. पाकिस्तान का सैन्य खर्च 9.93 अरब डॉलर के करीब है. एशिया महाद्वीप के देशों में सैन्य खर्चों में औसतन 4.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसका कारण महाद्वीप के कई देशों के बीच चल रहे तनाव और साउथ चाइना सी विवाद को माना जा रहा है.

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