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भारतीय डिफेंस फोर्सेज का सबसे बड़ा पद अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होने जा रहा है. भारत को अपना पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के रूप में मिल गया है. रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि रावत का चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू होगा और अगले आदेश तक जारी रहेगा.
न्यूज एजेंसी ANI ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का ऑफिस साउथ ब्लॉक में होगा.
सीडीएस की नियुक्ति का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अध्यक्षता वाली समिति पर जिम्मेदारी थी कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाए.
इसके पहले सेना के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना पहले ही इस नये पद के लिये अपने वरिष्ठतम कमांडरों के नामों की सिफारिश रक्षा मंत्रालय को भेज चुकी थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिये एक प्रमुख होगा, जिसे सीडीएस कहा जाएगा. प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया, जो सीडीएस की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देगी.
1999 के करगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की समीक्षा के लिये बनाई गई समिति ने रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में सीडीएस की नियुक्ति का सुझाव दिया था. राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधार का विश्लेषण कर रहे एक मंत्रिसमूह ने भी सीडीएस की नियुक्ति का समर्थन किया था.
(पीटीआई से इनपुट के साथ)
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