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भारत के सबसे स्वच्छ शहर कहे जाने वाले इंदौर में सोमवार, 9 जनवरी से 17वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Sammelan Indore) शुरू हो गया. इंदौर में ब्रिलिएन्ट कन्वेन्शन सेन्टर में शुरू इस तीन दिवसीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे. आयोजन के मद्देनजर शहर को सजाया गया है, रंग-रोगन किया गया है. कांग्रेस का आरोप है कि सौन्दर्यीकरण के नाम पर एयरपोर्ट रोड से लेकर सुपर कॉरिडोर तक की कई कॉलोनियों को दीवार उठाकर और लोहे की चादरें खड़ी करके छिपा दिया गया है. इसी रास्ते से प्रवासी सम्मलेन में शामिल होने वाले प्रवासी भारतीय गुजरेंगे.
इंदौर के देवी अहिल्या बाई एयरपोर्ट रोड से लेकर सुपर कॉरिडोर तक का रास्ता लगभग 2 किलोमीटर का है और इस बीच सड़क किनारे लगभग 100 घर आते हैं. प्रशासन ने अतिक्रमण का हवाला देते हुए इनमें से कई घरों के हिस्सों पर बुलडोजर चलाया है. रोड सड़क से सटे फुटपाथ और दीवारों को ढक दिया गया है. साथ ही प्रशासन ने एक और सर्विस रोड बनाई है ताकि इन बस्तियों के लोग मेन रोड की बजाय उसके सहारे अपने घरों को जाएं.
पटेल नगर में रहने वाले संतोष चौधरी चाय की छोटी सी दुकान चलाते थे. हालांकि अब प्रशासन के बुलडोजर के बाद वे सड़क पर ही चाय बना रहे हैं. संतोष चौधरी कहते हैं कि
क्विंट से बात करने हुए एक दूसरे व्यक्ति, जिनके घर पर भी बुलडोजर चला है, ने कहा कि "ये घर तोड़ कर दीवार उठा रहे हैं. हम सबने आपत्ति जताई थी लेकिन ये सुन ही नहीं रहे हैं तो हम क्या करें. हमने तो साल भर पहले ही अपना घर बनाया था."
दूसरी तरफ प्रशासन इस बात से इनकार कर रहा है कि उसने ऐसी कोई दीवार खड़ी की है. इंदौर म्युनिसिपल कमिश्नर प्रतिभा पाल ने क्विंट से बातचीत में कहा कि, "मेट्रो का काम चल रहा है, और लोहे के बैरिकेड्स उसी प्रोजेक्ट के हैं. सौंदर्यीकरण जो किया गया है उसमे कुछ हिस्सा घेरा गया है लेकिन दीवार नहीं खड़ी की गई है."
इंदौर प्रशासन के इस एक्शन पर कांग्रेस ने भी निशाना साधा है. कांग्रेस ने अपने एक ट्वीट में एक तस्वीर पोस्ट करते हुए सवाल पूछा है कि "PM मोदी को गरीबों से इतनी चिढ़ क्यों है?"
इंदौर नगर निगम के इस "तरकीब" ने फरवरी 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के अहमदाबाद आने पर झुग्गी-झोपड़ियों को छिपाने के लिए उठाई गयी दीवारों की याद दिला दी है.
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