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हरियाणा (Haryana) के कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (Gita Jayanti Mahotsav 2021) चल रहा है. जिसमें कुछ मुस्लिम कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो बजरंग दल को पसंद नहीं आया और उन्होंने बहरूपिया बनने वाले और एक कृष्ण का रूप धारण करने वाले कलाकारों को उनके कमरे में जाकर घेर लिया. जहां उनसे जय श्री राम और वंदे मातरम के नारे लगवाए गए. बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने इन मुस्लिम कलाकारों से गायत्री मंत्र भी सुनना चाहा जो वो नहीं सुना पाए.
दरअसल कुछ मुस्लिम कलाकर हैं जो अलग-अलग रूप धारण करके अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में लोगों का मनोरंजन करते हैं. इसको लेकर बजरंग दल ने विरोध किया कि कोई भी गैर हिंदू व्यक्ति हिंदू भगवान या देवी-देवता का रूप कैसे धारण कर सकता है. इस पर पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मेले में घूम रहे एक आदिवासी का रूप धारण किए कलाकार को पकड़ा.
राजस्थान के रहने वाले शमशाद ने कहा कि हम लोक कलाकार हैं और रोजाना अपने रूप बदलते रहते हैं, आज कृष्ण जी बने थे. उन्होंने बताया कि हमें पटियाला सांस्कृतिक केंद्र की तरफ से निमंत्रण मिला था और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की तरफ से उन्हें बुलाया गया था. उनका कहना था कि हम तो गीता का प्रचार प्रसार करने आये हैं.
बजरंग दल के कुरुक्षेत्र में विभाग संयोजक राकेश किठवाड़ ने कहा कि, हमें सूचना मिली थी कि, हमें सूचना मिली थी कि कुछ लोग यहां पर कृष्ण जी का रूप धारण किये हुए हैं. और हमारी पवित्र गीता स्थली को अपवित्र करने का काम कर रहे थे, जब इनसे नाम पूछा गया तो नाम बताने में आनाकानी की. जब इनसे गीता के श्लोकों के बारे में पूछा गया तो इन्होंने गीता के श्लोक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी.
उन्होंने आगे कहा कि मैं हर उस कलाकार से कहना चाहता हूं कि जो भी हिंदू देवी देवता का रूप धारण करेगा और हमारे हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने का काम करेगा, हमारे धर्म को हमारे पवित्र स्थल को गंदा करने का काम करेगा. उसे हम किसी भी सूरत में छोड़ने वाले नहीं हैं.
राकेश किठवाड़ ने कहा कि
रामलीला में भी मुस्लिम कलाकारों के प्रदर्शन को लेकर कई बार विवाद होता है इसी साल यूपी के बरेली में रामलीला में भगवान राम का किरदार निभाने वाले दानिश को लेकर काफी विवाद हुआ था. 2016 में फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के रामलीला में रोल को लेकर भी काफी विवाद हुआ था.
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